अलग हुई सपा-बसपा की राह, मायावती बोलीं- अकेले लड़ेंगे सभी चुनाव

अलग हुई सपा-बसपा की राह, मायावती बोलीं- अकेले लड़ेंगे सभी चुनाव

मायावती एवं अ​खिलेश यादव

लखनऊ/दक्षिण भारत। लोकसभा चुनाव से पहले बड़े उत्साह के साथ भाजपा के खिलाफ गठबंधन बनाने वाली सपा और बसपा में अब तल्खी खुलकर सामने आ रही है। बसपा प्रमुख मायावती ने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव पर हमला बोला और कहा कि सपा के साथ गठबंधन करना बड़ी भूल थी। यही नहीं, मायावती ने चुनावी हार के लिए सपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उसकी कमजोरी के कारण सोचे गए नतीजे नहीं आए।

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मायावती ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए कहा कि चुनाव नतीजे आने के बाद उन्होंने फोन तक नहीं किया। इस तरह सपा-बसपा के रिश्ते एक बार फिर उसी बिंदु पर आ गए हैं जहां ये पहले हुआ करते थे। लोकसभा चुनाव से पहले सपा-बसपा नेतृत्व भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए बड़े दावे करता था, लेकिन चुनाव नतीजों ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इसी क्रम में मायावती ऐलान कर चुकी हैं कि उप्र विधानसभा उपचुनाव में उनकी पार्टी अपने बूते मैदान में उतरेगी। मायावती के उस फैसले के बाद ही माना जा रहा था कि अब सपा-बसपा के रास्ते हो अलग हो चुके हैं।

मायावती ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा, .. लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बसपा को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके भाजपा को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है। अतः पार्टी व मूवमेंट के हित में अब बसपा आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी।

बता दें कि मायावती ने रविवार को ही अपनी पार्टी के सांसदों, विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में मायावती ने करीब 25 मिनट तक सपा से गठबंधन और नतीजों पर बात की। उन्होंने कहा कि गठबंधन से जिन परिणामों की आशा की थी, वे नहीं आए।

कई दिनों तक इंतजार, पर नहीं आए अखिलेश
रिपोर्ट में बताया गया है कि चुनाव नतीजों के बाद मायावती कई दिनों इंतजार करती रहीं कि अखिलेश यादव आएंगे और बातचीत करेंगे, लेकिन वे नहीं आए। रिपोर्ट के मुताबिक, मायावती ने अखिलेश यादव को गठबंधन के लिए पूरी तरह अपरिपक्व बताते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में सपा-बसपा गठबंधन कायम नहीं रखा जा सकता।

मायावती ने आरोप लगाया कि गठबंधन को सपा की तरफ से जरूरी सहयोग नहीं मिला। बसपा प्रमुख ने कहा कि उन्होंने कई बार अखिलेश को आगाह किया लेकिन वे समझ नहीं सके। रिपोर्ट में बसपा के 10 सांसदों की जीत के बारे में मायावती के हवाले से बताया गया है कि लोगों में इस बात को फैलाया जा रहा है कि ये सपा के सहयोग से जीते। मायावती ने इससे इनकार करते हुए कहा कि हकीकत यह नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि अगर यह सच्चाई है तो यादव परिवार के लोग चुनाव क्यों हार गए। उन्होंने डिंपल का जिक्र करते हुए सवाल किया कि अखिलेश उन्हें क्यों नहीं जिता सके।

याद आया ताज कॉरिडोर मामला
रिपोर्ट के मुताबिक, मायावती ने मुलायम सिंह यादव पर शब्दबाण छोड़ते हुए कहा कि उन्हें ताज कॉरिडोर मामले में फंसाने वालों में भाजपा के अ​लावा मुलायम की भी भूमिका थी। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद वे मुलायम के लिए वोट मांगने गईं लेकिन अखिलेश ने इस बात की कद्र नहीं की। मायावती ने कहा कि चुनाव बाद सतीश चंद्र मिश्र ने अखिलेश से कहा था कि वे फोन पर बात करें। बसपा प्रमुख ने कहा कि चुनाव नतीजे आने के बाद उन्होंने अखिलेश को फोन किया और परिजनों की हार पर अफसोस भी जताया था।

भाजपा को मिला सपा का वोट!
मायावती ने आरोप लगाया कि सपा का वोट बसपा को नहीं, बल्कि भाजपा को मिला। सपा के नेता बसपा प्रत्याशियों को हराने के लिए भाजपा को वोट दिला रहे थे और अखिलेश सब जानते हुए भी चुप रहे। उन्होंने सलेमपुर सीट का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां सपा के विधायक दल के नेता ने भाजपा को वोट ट्रांसफर करवाए और बसपा को हरवा दिया। उन्होंने बसपा के नवनिर्वाचित सांसदों की जीत के पीछे पार्टी काडर की मजबूती को प्रमुख कारण बताते हुए कहा कि इसके पीछे सपा की भूमिका नहीं है।

टिकट बंटवारे पर भी घेरा
मायावती ने टिकट बंटवारे को लेकर भी अखिलेश पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अखिलेश ने संदेश भिजवाया कि मुसलमानों को टिकट न दूं, क्योंकि इससे ध्रुवीकरण होगा। मायावती ने कहा कि उपचुनाव के नतीजे साबित करेंगे कि बसपा की ताकत क्या है। उन्होंने कहा कि अखिलेश द्वारा प्रमोशन में आरक्षण के विरोध के कारण उनसे दलित नाराज थे। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सपा सरकार में गैर-यादव पिछड़ों के साथ नाइंसाफी हुई, जिसकी वजह से उन्होंने सपा को वोट नहीं दिया। मायावती ने बसपा कार्यकर्ताओं को अभी धरना-प्रदर्शन नहीं करने के निर्देश दिए हैं।

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