रूस ने इस लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप पर लगाया प्रतिबंध
जासूसों की भर्ती के लिए ऐप के इस्तेमाल की भी आशंका जताई
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मास्को/दक्षिण भारत। रूस के संचार नियामक रोसकोम्नाडज़ोर (आरकेएन) ने आपराधिक सामग्री को हटाने में कई बार विफलता का हवाला देते हुए लोकप्रिय त्वरित मैसेजिंग सेवा वाइबर तक पहुंच को अवरुद्ध कर दिया है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रूस में इस ऐप के 17 मिलियन दैनिक यूजर्स हैं। बताया गया कि ऑनलाइन मैसेंजर के उपयोग को 'आतंकवादी और चरमपंथी' अपराधों, नशीली दवाओं की तस्करी और 'अवैध सूचना' के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से बनाए गए राष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन के कारण वाइबर तक पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया गया है।स्टेट ड्यूमा के सदस्य एंटोन नेमकिन, जो संसदीय सूचना नीति और संचार समिति में बैठते हैं, ने स्थानीय समाचार एजेंसी को बताया कि वाइबर के मालिक 1.8 मिलियन रूबल का जुर्माना भरने में विफल रहे हैं और 'रूसी कानूनों की अनदेखी करना जारी रखे हुए हैं।'
उन्होंने कहा कि वाइबर ने 'अवैध जानकारी को नहीं हटाया', जिसमें रूस-यूक्रेन संघर्ष से संबंधित जानकारी भी शामिल है।
नेमकिन ने यह भी कहा कि मैसेंजर उन स्कैमर्स के बीच लोकप्रिय है, जो बुज़ुर्ग लोगों को निशाना बनाते हैं। उन्होंने दावा किया कि 'विदेशी खुफिया सेवाएं' संभावित जासूसों की भर्ती के लिए वाइबर का इस्तेमाल कर सकती हैं।