मोदी को हराने शपथ समारोह में एक जुट हुआ विपक्ष

मोदी को हराने शपथ समारोह में एक जुट हुआ विपक्ष

बेंगलूरु/वार्ताएक कुशल राजनेता होने के बावजूद कुमारन्ना के नाम से मशहूर कर्नाटक के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी का राजनीतिक सफर बहुत आसान नहीं रहा और उन्होंने लगातार जीत-हार के झंझावातों के बीच अपनी राह बनाकर बुधवार को दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की बागडोर संभाली है। कुमारस्वामी के व्यक्तित्व के कई रोचक पहलू हैं, वह एक अनुभवी नेता ही नहीं बल्कि एक कृषि विशेषज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता, फिल्म निर्माता और कन्ऩड फिल्मों के वितरक भी हैं। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौ़डा के पुत्र एवं जनता दल(एस) के प्रदेश अध्यक्ष कुमारस्वामी का जन्म १६ दिसम्बर १९५९ को हासन जिले के होलेनरसीपुरा तालुक अंतर्गत हरदनहल्ली गांव में हुआ था।उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा हासन में एक सरकारी स्कूल से शुरू की थी और जयनगर में बंगलोर(अब बेंगलूरु) एमईएस एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूट से हायर सेकेंडरी की शिक्षा पूरी की। कुमारस्वामी का १३ मार्च १९८६ को अनिता के साथ विवाह हुआ और उनसे एक पुत्र निखिल गौ़डा हैं। बाद में २००६ में उन्होंने कन्ऩड फिल्मों की अभिनेत्री राधिका से शादी की जिससे उनकी एक पुत्री शमिका हुई। कुमारस्वामी ने १९९६ में सक्रिय राजनीति पदार्पण किया और इसी साल हुए आम चुनाव में रामनगर जिले के कनकपुरा लोकसभा सीट से चुनाव जीता। कनकपुरा सीट पर १९९८ में फिर से चुनाव हुए जिसमें उनकी हार हो गयी। यह उनकी ऐसी जबरदस्त हार थी जिसमें उनकी जमानत भी जब्त हो गयी। कुमारस्वामी ने इसके बाद १९९९ में राज्य की राजनीति में कदम रखते हुए सांतनूर विधानसभा सीट से चुनाव ल़डा, हालांकि यहां भी उन्हें हार का स्वाद चखना प़डा। जुझारू प्रवृत्ति के कुमारस्वामी लगातार हो रही हार से विचलित न होते हुए वर्ष २००४ में रामनगर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे और जीत की पताका फहरायी। वर्ष २००४ के विधानसभा चुनाव में राज्य में किसी भी पार्टी को बहुमत न मिलने की स्थिति में कांग्रेस और जनता दल (एस) ने गठबंधन सरकार बनाने का निर्णय लिया। कुमारस्वामी की परिस्थिति के साथ सामंजस्य बिठाने की क्षमता और दोस्ताना प्रकृति के चलते कांग्रेस के धरम सिंह गठबंधन सरकार के प्रमुख के तौर पर निर्विरोध रूप से दोनों दलों की पसंद बने और २८ मई २००४ को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बाद में हालांकि कुछ विवादों को लेकर कुमारस्वामी ने राजनीतिक पैंतरा बदला और उनकी पार्टी के ४२ विधायकों ने २८ जनवरी २००६ को गठबंधन सरकार से किनारा कर लिया और सरकार गिर गयी। इसके बाद तत्कालीन राज्यपाल टी एन चतुर्वेदी ने कुमारस्वामी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। कुमारस्वामी ने चार फरवरी २००६ को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और नौ अक्टूबर २००७ तक सत्तासीन रहे। उनके मुख्यमंत्रित्वकाल में राज्य का विकास दर सभी समय से ऊंची रही और उन्हें जनता का मुख्यमंत्री कहा जाने लगा। राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में पहले कार्यकाल के बाद भी कुमारस्वामी के राजनीतिक जीवन में विभिन्न उतार-च़ढाव आते रहे। नवम्बर २०१४ में वह जद(एस) के कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष बने। इसी वर्ष मई २०१८ के राज्य विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी संख्या बल के हिसाब से तीसरी ब़डी पार्टी के रूप में उभरी, लेकिन उन्होंने चुनाव पूर्व सहयोगी दल कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला किया और बदले राजनीतिक समीकरण के बीच अंतत: आज दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बुधवार को एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए संप्रग की चेयरपर्सन सोनिया गांधी, नेशनल कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, बसपा प्रमुख मायावती, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, राष्ट्रवादी जनता दल के तेजस्वी यादव, अजीत सिंह, सीताराम येचुरी सहित अनेक नेता उपस्थित थे।

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