बचपन को रखें स्वस्थ और सुरक्षित
बचपन सुरक्षित विकास का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है
Photo: PixaBay
बाल मुकुन्द ओझा
मोबाइल: 9414441218
बचपन सुरक्षित विकास का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है| इस दौरान उनके शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और शैक्षिक विकास को एक सुरक्षित वातावरण की जरूरत होती है| बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अर्थ केवल दुर्घटनाओं से बचाना नहीं, बल्कि उन्हें हर प्रकार के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक खतरों से सुरक्षित रखना भी है| यदि बच्चों का बचपन सुरक्षित रहेगा, तो उनके भविष्य की नींव मजबूत बनेगी| भारत में गरीबी कुपोषण, अशिक्षा, अंधविश्वास, सामाजिक कुरीति, बाल विवाह और बॉल मजदूरी बचपन के सबसे बड़े दुश्मन है| आजादी के ७६ साल के बाद भी हम इनसे निजात नहीं पा सके है| बच्चे देश का भविष्य है यह सुनते सुनते हमारे कान पक चुके है| मगर देश के कर्णधार आज तक बचपन को सुरक्षित जामा नहीं पहना पाए है| इससे अधिक हमारा दुर्भाग्य क्या हो सकता है|
यूनीसेफ का कहना है कि शिशुओं की अकाल मौत के ज्यादातर मामले निम्न आय वर्ग के परिवारों में होते हैं जहां कुपोषण ,शारीरिक दोष और मलिन वातावरण की समस्या बच्चे के जन्म से पहले ही मौजूद रहती है| ऐसे में अकेले सरकार के लिए इन स्थितियों को सुधारना मुमकिन नहीं है, इसके लिए समाज के हर जिम्मेदार व्यक्ति को सहयोगी की भूमिका में आना होगा| देश में हर साल लगभग ५९ लाख बच्चों की मौत ५ वर्ष से कम उम्र में हो जाती है| विश्व स्वास्थ्य संगठन, स्वास्थ्य मंत्रालय, यूनीसेफ व दूसरी संस्थाओं की रिपोर्ट बताती है कि आर्थिक वृद्धि के बावजूद भारत में बाल मृत्यु दर में कमी नहीं आ रही है| यूनिसेफ की रिपोर्ट का अनुमान है कि यदि सरकारों ने अपना रवैया नहीं बदला, तो साल २०३० तक दुनिया में उपचार योग्य बीमारियों के चलते ६.९ करोड़ बच्चों की मौत पांच साल से कम उम्र में ही हो सकती है| इस दिन को मनाने का उद्देश्य शिशुओं की सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाना और शिशुओं की उचित देखभाल करके उनके जीवन की रक्षा करना है| स्वास्थ्य संबंधी देखभाल ना होने के कारण यह समस्या और भी विकराल होती जा रही है| भारत में इस संदर्भ में कई कार्यक्रमों और योजनाओं को जनहित में लागू करके शिशुओं की मृत्यु दर को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए है| लेकिन जनसंख्या के बढ़ते बोझ व बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव तथा जागरूकता की कमी के कारण शिशुओं की मृत्यु दर में अपेक्षित कमी नहीं आई है|
बच्चों को हर प्रकार की सुविधा सुलभ करने की यूनिसेफ के साथ हम सब की महती जिम्मेदारी है| बच्चों का सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करना हमारे समाज की जिम्मेदारी है| यदि हम सब मिलकर बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे, तो उनके लिए एक बेहतर और सुरक्षित कल का निर्माण कर सकेंगे| आइए यूनिसेफ दिवस पर हम यह संकल्प लें कि हर बच्चे को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करने में अपना योगदान देंगे|