बांग्लादेश के कट्टरपंथियों को सबक सिखाकर विजय दिवस मनाएं
बांग्लादेश में हिंदुओं पर सालों से हमले होते आ रहे हैं
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बाल मुकुन्द ओझा
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भारत ने न केवल बांग्ला देश को अत्याचार से मुक्ति दिलाई अपितु स्वतंत्र रूप से खुली हवा में सांस लेने का अवसर प्रदान किया| तीन दिसंबर १९७१ को भारत-पाकिस्तान युद्ध शुरू हुआ जो १३ दिनों तक चला| यह युद्ध १६ दिसंबर को समाप्त हुआ और पाकिस्तान ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया| तेरह दिनों तक चले युद्ध के परिणामस्वरूप पाकिस्तानी सेना ने पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर दिया और बांग्लादेश का निर्माण हुआ| पाकिस्तान की सेना ने लगभग ९३,००० सैनिकों के साथ भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया| यह अब तक की सबसे बड़ी जीत थी और भारत एक क्षेत्रीय शक्ति के रूप में उभरा| इस दिन राष्ट्र के उन सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाती है| जिन्होंने इस युद्ध में अपने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी| इस दिन बांग्लादेश का जन्म हुआ था|
भारत ने पाकिस्तानी सत्ता और सेना के अत्याचार से पीड़ित पूर्वी पाकिस्तान की जनता को अपना सहयोग देकर बांग्लादेश के रूप में एक नए राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी| आज एक बार फिर बांग्ला देश में कट्टरपंथी तत्वों ने निर्वाचित सरकार को धराशाही कर लोकतंत्र को समाप्त कर दिया है| इसके साथ ही पाकिस्तान से अपनी पींगे बढ़ाना शुरू कर दिया है| जिस देश ने उन्हें आज़ादी दिलाई, उसी देश के खिलाफ जहर उगला जा रहा है| अल्पसंख्यक हिन्दुओं और उनके मंदिरों पर हमले शुरू कर दिए है| यह कहा जा सकता है जिस थाली में खाया उसी में छेद कर रहे है|
पाकिस्तान और बांग्ला देश में जब भी कोई सियासी घटनाक्रम होता है उस दौरान उपद्रवी कट्टरपंथी तत्व अल्पसंख्यकों पर सबसे पहले हमले शुरू कर देते है| दोनों मुस्लिम देशों में हिंदू आबादी हमेशा निशाने पर रही है| यही वजह है कि वहां साल-दर-साल हिंदुओं की आबादी घटती जा रही है| विशेषकर हिन्दू और हिंन्दू मंदिर उनके निशाने पर होते है| हम बात कर रहे है बांग्ला देश के सियासी घटनाक्रम पर जहां प्रधान मंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देकर भागने के बाद देश के अंदर हिंदुओं के ऊपर अत्याचार शुरू हो गया है| बांग्लादेश में जगह-जगह पर हिंदू मंदिरों और हिंदू समुदाय पर हमले की खबरें आ रही हैं| मीडिया रिपोर्ट से पता चलता है कि हिंदुओं के घरों और मंदिरों को निशाना बनाया गया है| इस्कॉन और काली मंदिर पर हमले हुए हैं, जिसके बाद हिंदुओं को जान बचाने के लिए छिपना पड़ा है| रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदुओं को घरों से निकाल कर पीटा जा रहा है| उनकी दुकानों में लूटपाट की जा रही है|
बांग्लादेश में हिंदुओं पर सालों से हमले होते आ रहे हैं| हिंदुओं के मंदिर, घर, दुकानों, पांडाल में तोड़फोड़ और लूटपाट की खबरें सामने आती रही हैं| हिन्दू इलाकों में भयावह चीख पुकार मची है कि उसे सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो जाएं| खौफ में जी रहे हिन्दू सवाल पूछ रहे हैं कि वो जाए तो कहां जाएं| कट्टरपंथियों ने हिन्दुओं के घरों में ऐसी तबाही मचाई की पीड़ित परिवार रोते बिलखते दिखे| बांग्लादेश में कई जगहों पर हिन्दुओं के रिहायशी इलाके में भीड़ ने हमला कर दिया, इस दौरान हिन्दुओं की घरों को जला दिया गया और जमकर तोड़फोड़ की गई| जिसके बाद हिन्दू समुदाय वहां अपनी जान की हिफाज़त की गुहार लगाता नज़र आया| बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर और हिंदुओं पर हमले के कई मामले सामने आ चुके हैं| सरकार और प्रशासन हमलावरों के खिलाफ कोई सख्त कार्यवाही अमल में लाने पर नाकारा साबित होते है जिससे हमलावरों के हौसले बुलंद होते है| बांग्लादेश के १ करोड़ ३० लाख की हिन्दू आबादी बताई जा रही है|
पाकिस्तान और बांग्ला देश दोनों ही इस्लामिक देश है| दोनों ही देशों में कट्टरपंथी ताकतें शासन प्रशासन पर हावी है| इन दोनों इस्लामिक देशों में हिन्दू अल्पसंख्यक है जिन पर आये दिन हमले होते रहते है| हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों को भी लगातार निशाना बनाया जाता है| आज़ादी के बाद पाकिस्तान और बांग्ला देश में सैंकड़ों हिन्दू मंदिरों को नेस्तनाबूद कर दिया गया| दोनों ही इस्लामिक देशों में हिंदू संस्कृति संकट में है| हाल यह है कि हिंदुओं को मंदिरों में पूजा करने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है| इन देशों में अल्पसंख्यक की महिलाओं के साथ रेप, मर्डर जैसी घटनाएँ आए दिन सामने आती रहती हैं| लोग मांग कर रहे है बांग्ला देश के कट्टरपंथियों को सबक सिखाना जरुरी हो गया है तभी वहां हिन्दुओं पर हमले और कत्लेआम ख़त्म होगा|