नीतीश ने बाल विवाह तथा दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान की शुरुआत की

नीतीश ने बाल विवाह तथा दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान की शुरुआत की

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाल विवाह और दहेज प्रथा को ज़ड से उखा़ड फेंकने के लिए सोमवार को व्यापक जन जागरण अभियान की शुरुआत करते हुए लोगों से इसे समाप्त करने के लिए जागृति लाने के उद्देश्य से अगले वर्ष २१ जनवरी को मानव श्रृंखला बनाए जाने का आह्वान किया और कहा कि सिर्फ कानून के सहारे इन सामाजिक कुरीतियों को खत्म करना संभव नहीं है। नीतीश ने गांधी जयंती के अवसर पर यहां नवनिर्मित सम्राट अशोका कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक समारोह में बाल विवाह और दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए व्यापक जन जागरण अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि बिहार में लगभग ३९ प्रतिशत बाल विवाह के मामले होते हैं और उत्तरप्रदेश के बाद सबसे ज्यादा बिहार में ही दहेज हत्या के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि बाल विवाह और दहेज उत्पी़डन को रोकने के लिए कानून काफी पहले से ही बने हुए हैं लेकिन जब तक लोगों का सहयोग नहीं मिलेगा तब तक इन सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करना संभव नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार ने राज्य में अप्रैल २०१६ से पूर्ण शराबबंदी को प्रभावी ढंग से लागू किया है और इसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। शराबबंदी से बिहार में सामाजिक क्रांति की शुरुआत हुई है और बाल विवाह तथा दहेज प्रथा के खिलाफ जन जागरण अभियान से इसमें और तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि बाल विवाह से न केवल ल़डकियों के स्वास्थ्य पर बुरा असर प़डता है बल्कि कम उम्र में ही गर्भवती हो जाने से नवजात बच्चे भी कुपोषण और कई बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में बौनापन की समस्या भी अब सामने आ रही है जो कुपोषण का ही परिणाम है। बाल विवाह के कारण कम उम्र में ही गर्भवती होने से बच्चे कुपोषण के शिकार हो जाते हैं और आगे चलकर उनमें बौनेपन की समस्या उत्पन्न हो जाती है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह को समाप्त करने से न केवल ल़डकियों के स्वास्थ्य को ठीक रखा जा सकता है बल्कि कम उम्र में गर्भवती होने से बचने पर नवजात बच्चे न तो कुपोषण के शिकार होंगे और न ही उनमें बौनेपन की समस्या होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल २०१६ में पूर्ण शराबबंदी लागू करने के पूर्व जन जागरण अभियान चलाया गया था और इसके बाद भी इसी तरह का अभियान चला था । इस वर्ष २१ जनवरी को पूरे बिहार में लगभग चार करो़ड लोगों ने शराबबंदी के समर्थन में मानव श्रृंखला में हिस्सा लिया था । उन्होंने लोगों से इसी तरह अगले वर्ष भी २१ जनवरी को पूरे राज्य में बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने के उद्देश्य से जागृति लाने के लिए फिर से मानव श्रृंखला में हिस्सा लेने का आह्वान किया। नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार ने वर्ष २०१५ में हुए विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आने के बाद सात निश्चय को लागू करने का वादा किया था। महिलाओं को सरकारी नौकरियों में ३५ प्रतिशित आरक्षण दिए जाने का वादा किया गया था जिसे वर्ष २०१६ में ही पूरा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सरकारी नौकरियों में ३५ प्रतिशत आरक्षण दिये जाने से उनमें आत्मविश्वास ब़ढा है और यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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