देश के विरोध में खड़ी हो रहीं नकारात्मक शक्तियों के खिलाफ कठोर से कठोर बर्ताव हमारी जिम्मेदारी: मोदी
प्रधानमंत्री ने राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर को संबोधित किया
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आजकल देश में उत्सव का माहौल है। ओणम, दशहरा, दुर्गापूजा और दीपावली सहित अनेक उत्सव शांति और सौहार्द के साथ देशवासियों ने मनाए हैं। अभी छठ पूजा सहित कई अन्य त्योहार भी हैं। विभिन्न चुनौतियों के बीच इन त्योहारों में देश की एकता का सशक्त होना, आपकी तैयारियों का भी प्रतिबिंब है। आजादी का अमृतकाल हमारे सामने हैं। आने वाले 25 वर्ष देश में एक अमृत पीढ़ी के निर्माण के हैं। यह अमृत पीढ़ी 'पंच प्राणों' के संकल्पों को धारण करके निर्मित होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान में भले ही कानून और व्यवस्था राज्यों का दायित्व है, लेकिन ये देश की एकता-अखंडता के साथ भी उतने ही जुड़े हुए हैं, हर एक राज्य एक दूसरे से सीखें, एक दूसरे से प्रेरणा लें।प्रधानमंत्री ने कहा कि 1. विकसित भारत का निर्माण, 2. गुलामी की हर सोच से मुक्ति, 3. विरासत पर गर्व, 4. एकता और एकजुटता और 5. नागरिक कर्तव्य — इन पंच प्राणों का महत्व आप भलीभांति जानते हैं, समझते हैं। यह एक विराट संकल्प है, जिसको सिर्फ और सिर्फ सबके प्रयास से ही सिद्ध किया जा सकता है। देश की बेहतरी के लिए काम करें। यह संविधान की भी भावना है और देशवासियों के प्रति हमारा दायित्व है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश का सामर्थ्य बढ़ेगा तो देश के हर नागरिक, हर परिवार का सामर्थ्य बढ़ेगा। यही तो सुशासन है, जिसका लाभ देश के हर राज्य को समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना है। इसमें आप सभी की बहुत बड़ी भूमिका है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई बार केंद्रीय एजेंसियों को कई राज्यों में एक साथ जांच करनी पड़ती है, दूसरे देशों में भी जाना पड़ता है, इसलिए हर राज्य का दायित्व है कि चाहे राज्य की एजेंसी हो, चाहे केंद्र की एजेंसी हो, सभी एजेंसियों को एक-दूसरे को पूरा सहयोग देना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साइबर क्राइम हो या फिर ड्रोन टेक्नोलॉजी का हथियारों और ड्रग्स तस्करी में उपयोग, इनके लिए हमें नई टेक्नोलॉजी पर काम करते रहना होगा। स्मार्ट टेक्नोलॉजी से कानून-व्यवस्था को स्मार्ट बना पाना संभव होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में भारत सरकार के स्तर पर कानून व्यवस्था से जुड़े सुधार हुए हैं, जिसने पूरे देश में शांति का वातावरण बनाने का काम किया है। बीते वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों ने भी देश में कानून व्यवस्था को मजबूत किया है। आतंकवाद हो, हवाला नेटवर्क हो, भ्रष्टाचार हो, इस पर देश ने अभूतपूर्व शक्ति दिखाई है, लोगों में विश्वास पनपने लगा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखना, एक 24/7 वाला काम है। लेकिन किसी भी काम में यह भी आवश्यक है कि हम निरंतर प्रक्रियाओं में सुधार करते चलें, उन्हें आधुनिक बनाते चलें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज वैश्विक स्तर पर भारत जितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से भारत की चुनौतियां भी बढ़ने वाली हैं। विश्व की बहुत सारी ताकतें होंगी, जो नहीं चाहेगी कि उनके देश के संदर्भ में भारत सामर्थ्यवान बने।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के विरोध में जो ताकतें खड़ी हो रही हैं, जिस प्रकार हर चीज का उपयोग किया जा रहा है, सामान्य नागरिक की सुरक्षा के लिए, ऐसी किसी भी नकारात्मक शक्तियों के खिलाफ कठोर से कठोर बर्ताव ही हमारी जिम्मेदारी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नक्सलवाद के हर प्रकार को हमें पराजित करना पड़ेगा। बंदूक वाला भी नक्सलवाद है और कलम वाला भी नक्सलवाद है। हमें इन सभी का काट निकालना पड़ेगा।