केंद्र ने बेंगलूरु मेट्रो रेल परियोजना के 2ए और 2बी चरण को मंजूरी दी

केंद्र ने बेंगलूरु मेट्रो रेल परियोजना के 2ए और 2बी चरण को मंजूरी दी

केंद्र ने बेंगलूरु मेट्रो रेल परियोजना के 2ए और 2बी चरण को मंजूरी दी

प्रतीकात्मक चित्र। फोटो स्रोत: PixaBay

नई दिल्ली/बेंगलूरु/दक्षिण भारत। केंद्र सरकार ने मंगलवार को एक बड़ी राहत देते हुए बेंगलूरु मेट्रो रेल परियोजना के संबंध में महत्वपूर्ण घोषणा की। इसके तहत आउटर रिंग रोड – केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा मेट्रो कॉरिडोर को मंजूरी दे दी है। इससे परियोजना के 2ए और 2बी चरण का रास्ता साफ हो गया है।

Dakshin Bharat at Google News
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मंत्रिमंडल ने बेंगलूरु मेट्रो रेल परियोजना का 2ए और 2बी चरण स्वीकृत कर दिया है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें प्रस्ताव मंजूरी कर लिया गया।

कहां से कहां तक, कितना खर्चा?
बेंगलूरु मेट्रो रेल परियोजना का 2ए चरण सेंट्रल सिल्क बोर्ड जंक्शन से केआर पुरम तक है। वहीं, 2बी चरण का विस्तार केआर पुरम से हेब्बल जंक्शन होते हुए हवाईअड्डे तक है। इसकी संपूर्ण लंबाई 58 किलोमीटर है। इस प्रोजेक्ट पर कुल 14,788 करोड़ रुपए की लागत आएगी।

यह नागरिक सुविधा और शहर के विकास के लिए इस लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि आईटी की कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के करीब से तथा सिल्क बोर्ड, बेलंदुर, मार्थाहल्ली, केआर पुरम, नगवारा, हेब्बल, येलहंका और बेंगलूरु हवाईअड्डे से गुजरेगी।

होंगे ये फायदे
इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अनुमानित 54 महीने में पूरी होने के बाद, यह परियोजना शहर पर आबादी के दबाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जो देश के आईटी निर्यात में 40 प्रतिशत का योगदान देता है और बड़ी संख्या में आईटी पार्क, हब और उद्योगों का बसेरा है। उनमें से कई इस मार्ग पर स्थित हैं।

मंत्री पुरी ने इस फैसले के फायदे गिनाते हुए कहा कि इससे कनेक्टिविटी बढ़ेगी जो शहर की आर्थिक क्षमता में बढ़ोतरी करेगी। उन्होंने कहा कि इससे हवाईअड्डे तक जाने वाली सड़कों पर यातायात की सुविधा को आसान बनाया जा सकेगा और परिवहन का स्थायी व कुशल तरीका उपलब्ध होगा। इससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में भी मदद मिलेगी।

अब मिली हरी झंडी
बता दें कि साल 2016 में बीएमआरसीएल ने ओआरआर मेट्रो के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की थी। उसने दिसंबर 2019 में 13 स्टेशनों के साथ कॉरिडोर के लिए निविदा मंगाई थी, लेकिन केंद्र की मंजूरी मिलने में देरी हुई तो बाद में इसे रोक दिया गया। अब इसे हरी झंडी मिलने के बाद विशेषज्ञों का कहना है कि यह शहर की प्रगति में उल्लेखनीय कदम साबित होगा।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download