अनीता आत्महत्या : नीट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज

अनीता आत्महत्या : नीट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज

चेन्नई। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाली राज्य बोर्ड की टॉपर अनीता की आत्महत्या के बाद राज्य में इसको लेकर विरोध प्रदर्शन शुरु हो गया है। विद्यार्थी संगठन और तमिल संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। लगभग १४ छात्र इसके विरोध में अनिश्चितकालीन भूख ह़डताल पर बैठ गए हैं। साथ ही तमिल संगठन नमा तमिलार कच्चि (एनटीके) और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) जैसे संगठन नीट के खिलाफ चेन्नई और तिरुचि में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। चेन्नई में विपक्षी पार्टियों के करीब १५०० कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया। इन सभी ने राज्य की पलानीस्वामी सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि राज्य सरकार और केन्द्र सरकार तमिलनाडु को इस परीक्षा से छूट नहीं दिला पाईं। इसी क्रम में अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम के नेता टीटीवी दिनाकरण ने अनिता की मौत पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा, मैं हैरान हूं कि हम सबकी प्यारी बेटी ने नीट के खिलाफ संघर्ष करते हुए आत्महत्या कर ली। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने अनिता के परिजनों को ७ लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है। अनिता को नीट की परीक्षा में आए अंकों के आधार पर मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं मिल पाया था। तमिल फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत और कमल हासन ने भी अनिता की मौत पर गहरा दुख प्रकट किया है। रजनीकांत ने फेसबुक पर पोस्ट किया, अनिता के साथ जो भी हुआ वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इस कदम को उठाने के पहले उस पर क्या बीत रही होगी मैं उस दर्द को समझ पा रहा हूं्। मेरी संवेदनाएं उसके परिवार के साथ हैं। जबकि कमल हसन ने लिखा, वह अनिता को अपनी बेटी समान मानते हैं औरे उसके लिए अपनी आवाज उठायेंगे। उन्होंने इसके पीछे राज्य सरकार और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।उल्लेखनीय है कि अनिता एक दलित छात्रा थीं और उन्होंने मेडिकल में दाखिले के लिए नीट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। इसमें असफल होने पर उसने अपने घर पर परिजनों की अनुपस्थिति में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूत्रों के अनुसार दाखिला ना मिलने पर वह पिछले कुछ समय से अवसाद में थी। अनिता ने राज्य बोर्ड से बारहवीं में १,२०० में से १,१७६ अंक प्राप्त किये थे। हालांकि मेडिकल के लिए होने वाली नीट की परीक्षा में उसे सिर्फ ८६ अंक ही मिल पाए थे। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली अनिता ने एमबीबीएस में दाखिले पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उल्लेखनीय है कि २२ अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नीट के मेरिट के आधार पर तमिलनाडु में मेडिकल कॉलेजों में दाखिला ४ सितंबर से होगा।अनिता के परिजनों, रिश्तेदारों और गांव वालों ने भी राज्य और केंद्र सरकार को उसकी मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए स़डकों पर विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार केन्द्र सरकार से लगातार राज्य के विद्यार्थियों को नीट से छूट देने की मांग कर रही है। राज्य की सत्तारुढ पार्टी के साथ ही विपक्षी पार्टियां भी राज्य को नीट से बाहर रखने की मांग का समर्थन कर रही हैं। नीट से राज्य को छूट दिलवाने के लिए सरकार की ओर से कई प्रयास भी किए गए लेकिन इसके बावजूद राज्य को नोट से छूट नहीं मिल सकी।

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