दिनाकरण के साथ द्रमुक का मौन समझौता नहीं : स्टालिन
दिनाकरण के साथ द्रमुक का मौन समझौता नहीं : स्टालिन
चेन्नई। आरके नगर उपचुनाव में टीटीवी दिनाकरण की जीत और द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के प्रत्याशी मारुदु गणेश के तीसरे नंबर पर रहने के बाद अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने यह आरोप लगाया था कि उपचुनाव में अन्नाद्रमुक को हराने के लिए द्रमुक और टीटीवी दिनाकरण के बीच एक मौत समझौता हुआ था जिसके कारण एक सोची समझी रणनीति के तहत द्रमुक ने भीतरखाने टीटीवी दिनाकरण को समर्थन दिया। मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी और उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने उपचुनाव हारने के बाद संयुक्त रुप से एक बयान जारी कर यह बात कही थी। हालांकि द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने अन्नाद्रमुक के इस आरोप का खंडन किया है। स्टालिन ने एक बयान जारी कर कहा है कि आरके नगर उपचुनाव में द्रमुक को इसलिए हार मिली की अन्नाद्रमुक और टीटीवी दिनाकरण ने मतदाताओं को पैसे से प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि द्रमुक को किसी भी पार्टी को गुप्त रुप से समर्थन करने की कोई जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि द्रमुम में गठबंधन और चुनाव में किसी पार्टी का समर्थन करने का निर्णय द्रमुक पार्टी मेंं पारदर्शी ढंग से लिया जाता है। यहां तक की देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हमें इसके लिए प्रमाणपत्र भी दिया है। इसलिए दिनाकरण से हमें मौन समझौता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। द्रमुक नेता ने कहा कि दिनाकरण के साथ द्रमुक के मौन समझौते की अफवाह उन लोगों द्वारा फैलाई जा रही है जो द्रमुक का नाम खराब करना चाहते हैं। स्टालिन ने कहा कि पार्टी के प्रत्याशी एन मारुदु गणेश ने आरके नगर में घर-घर जाकर चुनाव प्रचार किया था। गणेश ने कुछ इलाकों का तो दो बार दौरा किया था और लोगों से वोट मांगा था। उन्होंने कहा कि लोग जानते हैं कि सिर्फ द्रमुक ही मौजूदा अन्नाद्रमुक सरकार को गिरा सकती है। अपने गठबंधन में शामिल पार्टियों की मदद से द्रमुक पूर्णतया लोकतांत्रिक ढंग से राज्य मेंं सरकार बदलने के लिए लोगों से समर्थन जुटाने की कोशिश करेगी।