जहरीली तारीफ
पाकिस्तान की ओर से यूट्यूब पर एक और 'काम' धड़ल्ले से जारी है, जिसमें भारत के आम लोगों का इस्तेमाल हो रहा है
हाल में न्यूजीलैंड में भारतीय मूल के एक व्यक्ति ने इस नेटवर्क का पर्दाफाश किया, जिससे बहुत लोगों को हैरत हुई
इन दिनों सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों का ऐसा 'खेल' चल रहा है, जिसके बारे में हमारे देश में ज्यादातर लोगों के पास कोई खास जानकारी नहीं है। पिछले दो वर्षों में आईएसआई की 'महिला' एजेंटों द्वारा भारत की सेनाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर तैनात कई कर्मियों को 'हनीट्रैप' का शिकार बनाने की कोशिशें की गईं। चूंकि ऐसे काम खुफिया तौर पर होते हैं, इसलिए कम ही लोगों की नजरों में आते हैं।
अब पाकिस्तान की ओर से यूट्यूब पर एक और 'काम' धड़ल्ले से जारी है, जिसमें भारत के आम लोगों का इस्तेमाल हो रहा है और उन्हें इस बात की जानकारी भी नहीं है। पिछले एक-डेढ़ साल में पाकिस्तान में ऐसे दर्जनभर 'यूट्यूबर' आ गए हैं, जो कैमरा और माइक लेकर इस्लामाबाद, कराची, लाहौर, पेशावर ... जैसे शहरों में जाकर लोगों से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करते हैं। उनकी ज्यादा से ज्यादा कोशिश इस बात को लेकर होती है कि पाकिस्तान को अविकसित, अतिभ्रष्ट और हिंसक राष्ट्र बताया जाए और भारत की भरपूर तारीफ की जाए!इन यूट्यूबरों के लगभग सभी दर्शक भारतीय होते हैं। इनके वीडियो पर टिप्पणियों में शायद ही कोई पाकिस्तानी नजर आएगा। पाकिस्तानी समाज भारत और हिंदुओं से बेहद नफरत करता है। ताज्जुब की बात है कि ये कथित यूट्यूबर भरे बाजार में भारत और हिंदू समाज की पुरजोर तारीफें करते हैं, लेकिन इनका बाल भी बांका नहीं होता!
याद करें, एक श्रीलंकाई नागरिक, जो सियालकोट के कारखाने में बतौर मैनेजर नौकरी कर रहा था, ने परिसर से एक राजनीतिक दल का स्टिकर (जिस पर उर्दू लिखी थी) ही हटाया था, जिसके बाद भीड़ ने उसे ज़िंदा जला दिया था। क्या उस देश में यह संभव है कि कोई यूट्यूबर भीड़भाड़ वाले एक बाजार में जाए, वहां भारत की तारीफ करे, सनातन धर्म की खूबियां बयान करे, नरेंद्र मोदी की बड़ाई करे ... और सही-सलामत वापस भी आ जाए?
हाल में न्यूजीलैंड में भारतीय मूल के एक व्यक्ति ने इस नेटवर्क का पर्दाफाश किया, जिससे बहुत लोगों को हैरत हुई। पाकिस्तान की एक महिला यूट्यूबर (जो पत्रकार होने का दावा करती हैं) खुद के देश से ज्यादा भारत में 'लोकप्रिय' हैं। वे अपने हर वीडियो में भारत की तारीफ ही करती नजर आती हैं। पिछले दिनों दाऊद इब्राहिम के अस्पताल में भर्ती होकर आखिरी सांसें लेने की अफवाह भी उन्होंने ही उड़ाई थी, जिसके बाद भारत के कई समाचार चैनल इसी दौड़ में लग गए थे कि वे सबसे पहले 'अंडरवर्ल्ड डॉन' की खबर देंगे!
देखते ही देखते कई यूट्यूब चैनल भी मैदान में कूद पड़े थे। वे भी दिखाने लगे थे कि उनके 'सूत्रों' के मुताबिक दाऊद का अंत निकट है! इस तरह एक पाकिस्तानी यूट्यूबर ने इन्हें फेक न्यूज के जाल में खूब उलझाया। ये कथित पाकिस्तानी 'पत्रकार' जब लाइव कार्यक्रम करती हैं या किसी विषय पर चर्चा करती हैं तो अपने एक साथी 'पत्रकार' को भी यह बताते हुए जोड़ लेती हैं कि वे दूसरे शहर से बात कर रहे हैं। दोनों ही भारत, हिंदू समाज, नरेंद्र मोदी की खूब तारीफें करते हैं।
कुछ दिनों पहले न्यूजीलैंड निवासी उक्त व्यक्ति ने खुलासा किया कि ये कोई पत्रकार नहीं हैं और न ही दोनों अलग-अलग शहरों में रहते हैं। ये पति-पत्नी हैं, जो एक ही मकान के अलग-अलग कमरों से लाइव कार्यक्रम करते हैं! इनका मकसद भारत की तारीफ कर व्यूज लेना और पैसा कमाना है। ऐसे कई बिंदु हैं, जिनसे संकेत मिलता है कि ये पाकिस्तानी एजेंसियों के लिए काम कर रहे हैं! कहीं यह आईएसआई की कोई नई चाल तो नहीं, जिसके तहत सोशल मीडिया के जरिए उसके एजेंटों की भारतीय समाज में घुसपैठ कराई जा रही है? चूंकि भारत में लोग इन कथित पत्रकारों, यूट्यूबरों को बेहद पसंद करने लगे हैं! इनके वीडियो पर लाखों व्यूज आने लगे हैं। कुछ लोग तो इनसे शादी करने का इरादा जाहिर कर रहे हैं!
पिछले साल इन 'यूट्यूबरों' ने नाटकीय ढंग से एक अभियान शुरू किया था, जिसके तहत ये पाकिस्तान के किसी बाजार में चीजों की कीमतें पूछते थे। इसके बाद किसी भारतीय को लाइव आने का न्योता देकर उससे अपना घर, मोहल्ला, बाजार आदि दिखाने का अनुरोध करते थे। भारतीय इसके लिए खुशी-खुशी तैयार हो जाते थे। उन्हें पता ही नहीं चलता था कि इस तरह वे एक शत्रु एजेंसी तक अपने इलाके की संवेदनशील जानकारी पहुंचा रहे हैं! हमें इस 'जहरीली तारीफ' से सावधान रहना होगा। याद रखें, जब 'शत्रु' अचानक मीठा बोलने लग जाए, उसके व्यवहार में अत्यंत मधुरता आ जाए तो उसकी मंशा कुछ और ही होती है।