हर घर सौर ऊर्जा
इससे हर घर अपनेआप में एक लघु 'बिजलीघर' बन जाएगा
भारत के सामान्य परिवार के लिए 300 यूनिट बिजली पर्याप्त होती है
केंद्रीय मंत्रिमंडल का 'पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना' को मंजूरी देना ऊर्जा परिदृश्य के लिए क्रांतिकारी सिद्ध होगा। यह फैसला आने वाले एक दशक में घर-घर तक सौर ऊर्जा के फायदों को पहुंचाने में अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अभी इस योजना पर कुल 75,021 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे और एक करोड़ घरों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे। इन घरों को 78,000 रुपए तक की सब्सिडी और 300 यूनिट मुफ्त बिजली तो मिलेगी ही। इससे हर घर अपनेआप में एक लघु 'बिजलीघर' बन जाएगा। भारत के सामान्य परिवार के लिए 300 यूनिट बिजली पर्याप्त होती है। इससे घरेलू काम आसानी से पूरे किए जा सकते हैं। यहां साल के अधिकांश समय अच्छी धूप खिली होती है। जब सूर्यदेव दिनभर इतनी कृपा बरसा रहे हैं तो उसका लाभ क्यों न लें! निस्संदेह पिछले कुछ वर्षों से गांवों में बिजली आपूर्ति में बहुत सुधार हुआ है। पहले, जहां कई-कई घंटों तक बिजली कटौती होती थी, अब कटौती के घंटे बहुत कम हो गए हैं। राजस्थान, जहां स्थिति बहुत चुनौतीपूर्ण थी, वहां बिजली को लेकर कई आंदोलन हुए थे। गांवों में किसानों के बच्चे चिमनी या लालटेन की रोशनी में पढ़ाई करने को मजबूर थे। 'पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना' से बिजली कटौती (जितनी भी होती है) जैसी घटनाएं बीते दिनों की बात हो जाएगी। लोगों के घरों की छतें ही दिनभर में इतनी बिजली पैदा कर देंगी कि उनके पास जरूरत से ज्यादा बिजली होगी!
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने जब एक करोड़ परिवारों को इस योजना से जोड़ने की बात कही तो सोशल मीडिया पर कई लोग अचंभित थे। निस्संदेह इतनी बड़ी संख्या में लोगों तक योजना की सूचना पहुंचाना, उन्हें फायदे समझाना और जोड़ना आसान काम नहीं है, लेकिन भारत अतीत में ऐसे कठिन लक्ष्यों को प्राप्त कर चुका है। चाहे करोड़ों घरों तक राशन पहुंचाना हो या कोरोनारोधी टीका लगाना ... भारत ने ये कार्य भलीभांति संपन्न किए हैं। जल्द ही लोकसभा चुनाव होंगे, जिनमें करोड़ों मतदाता भाग लेंगे। भारत लोकतंत्र के उस महायज्ञ में भी इतिहास रचेगा। 'पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना' का एक और सकारात्मक पक्ष यह है कि इसकी पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। जो परिवार इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, वे आधिकारिक वेबसाइट पीएमसूर्यघर डॉट जीओवी डॉट इन पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। वेबसाइट पर रूफटॉप सोलर के लिए आवेदन, सब्सिडी स्ट्रक्चर, वेंडर्स आदि के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। न कहीं चक्कर लगाने होंगे और न किसी से सिफारिश करवानी होगी। पूरा काम पारदर्शिता से होगा। यह योजना संबंधित परिवारों को मुफ्त बिजली का तोहफा देने के अलावा विनिर्माण, लॉजिस्टिक, आपूर्ति शृंखला, बिक्री, स्थापना, परिचालन, रखरखाव और अन्य सेवाओं में प्रत्यक्ष रूप से लगभग 17 लाख नौकरियों का सृजन करेगी। पर्यावरण को भी इसके बड़े फायदे मिलेंगे। इस योजना से रिहायशी क्षेत्रों में 30,000 मेगावाट अतिरिक्त क्षमता सृजित होगी। इससे 1,000 अरब यूनिट बिजली का उत्पादन होने और 25 साल में कार्बन उत्सर्जन में 72 करोड़ टन की कमी आने का अनुमान है। दूसरे देश तो पर्यावरण संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में बातें करते रह गए, जबकि भारत ने इस दिशा में उल्लेखनीय कदम भी उठा दिया। 'पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना' भविष्य में ऊर्जा परिदृश्य को इस कदर बदल देगी कि भावी पीढ़ी को 'बिजली कटौती' जैसे शब्द सिर्फ शब्दकोश में पढ़ने को मिलेंगे, ठीक 'मिस्ड कॉल' की तरह, जो देश में सस्ती व अत्याधुनिक इंटरनेट व मोबाइल फोन सेवा आने के बाद लुप्त हो गई है।