'मातृभाषा के साथ ही देश की राजभाषा पर भी गर्व होना चाहिए'

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय में हिंदी कार्यशाला हुई

'मातृभाषा के साथ ही देश की राजभाषा पर भी गर्व होना चाहिए'

Photo: यूनियन बैंक ऑफ इंडिया

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय बेंगलूरु उत्तर की शाखाओं में नामित अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए गुरुवार को हिंदी कार्यशाला आयोजित की गई।

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इसका उद्घाटन क्षेत्र प्रमुख राजेंद्र कुमार ने किया। उन्होंने उद्घाटन भाषण में कहा कि हर व्यक्ति को अपनी मातृभाषा का गर्व होता है, उसी प्रकार देश की राजभाषा पर भी गर्व होना चाहिए। ग्राहकों को ध्यान में रखते हुए कारोबार में स्थानीय भाषा का सहारा लेते हुए राजभाषा का प्रचार-प्रसार करना चाहिए। इस दिशा में स्थानीय भाषा सीखनी जरूरी है।

इस अवसर पर उपक्षेत्र प्रमुख एम सरिता भी मौजूद थीं। कार्यशाला में प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया। वरिष्ठ प्रबंधक (राभा) एंथोनी बारी ने राजभाषा से संबंधित प्रावधानों के बारे में बताया। सहायक प्रबंधक (राजभाषा) रेणुका ने कामकाज में हिंदी के प्रयोग, शाखा/कार्यालय स्तर पर लेखन सामग्री, रबर मुहरें आदि द्विभाषा में सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया।

प्रतिभागियों को सूचना दी गई कि शाखा स्‍तर पर प्रदर्शित किए जानेवाले नोटिस, ग्राहकों को दी जानेवाली जानकारी क्षेत्रीय भाषा एवं हिंदी में हो। केनरा बैंक राजभाषा अधिकारी हर्षा केआर ने बैंकिंग शब्दावली एवं पत्राचार के प्रयोग पर जानकारी दी। कार्यक्रम का समापन प्रश्नोत्तरी एवं उपक्षेत्र प्रमुख के संदेश के साथ हुआ।

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