विकसित भारत हमारा लक्ष्य, ऊर्जा विकास हमारा मिशन है: प्रह्लाद जोशी
'बजट प्रस्तावों से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे'
Photo: pralhadvjoshi FB page
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि विकसित भारत हमारा लक्ष्य और ऊर्जा विकास हमारा मिशन है। उन्होंने अपने मंत्रालय की उपलब्धियों से संबंधित कुछ बिंदुओं का जिक्र करते हुए राज्यसभा में कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा अब एक विकल्प नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र की सतत वृद्धि और विकास के लिए जरूरत है।
जोशी ने कहा कि भारत ने दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में सबसे तेज़ विकास दर हासिल की है। हम विकसित देशों के साथ जुड़े हुए हैं और कुल अक्षय ऊर्जा स्थापित क्षमता में दुनिया में चौथा स्थान हासिल किया है।जोशी ने कहा कि सीओपी26 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के अनुरूप, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 500 गीगावाट स्थापित बिजली क्षमता हासिल करने की दिशा में काम कर रहा है।
जोशी ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा इस सरकार की 9 प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है। इसके लिए नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का बजटीय आवंटन पिछले वर्ष के 10,000 करोड़ रुपए से लगभग दोगुना होकर इस वर्ष 20,000 करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया है।
जोशी ने कहा कि बजट प्रस्तावों से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी और जलवायु परिवर्तन की समस्या का समाधान होगा, ऊर्जा सुरक्षा बढ़ेगी, कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी तथा सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा।
जोशी ने कहा कि हमें भारत को नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनाने के लिए इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। पिछले एक दशक में, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में 165 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह साल 2014 में 76.38 गीगावाट थी, जो बढ़कर 203.1 गीगावाट हो गई है।
जोशी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों के दौरान, स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता मार्च 2014 में 2.82 गीगावाट से बढ़कर जून 2024 में 85.47 गीगावाट हो गई है, जो लगभग 30 गुना वृद्धि है। पिछले 10 वर्षों के दौरान, स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता मार्च 2014 में 21.04 गीगावाट से बढ़कर जून 2024 में 46.66 गीगावाट हो गई है, जो दोगुने से भी ज्यादा है।
जोशी ने 'पीएम सूर्यघर: मुफ्त बिजली योजना' का जिक्र करते हुए कहा कि इसके जरिए परिवार बिजली के बिलों में बचत करने के साथ डिस्कॉम को अधिशेष बिजली बेचकर अतिरिक्त आय भी हासिल कर सकेंगे। 430 करोड़ रुपए की सब्सिडी राशि पहले ही लाभार्थी आवासीय परिवारों के बैंक खातों में सीधे भेज दी गई है।
बता दें कि रूफटॉप सोलर को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 फरवरी को एक करोड़ घरों के लिए 75,021 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ योजना को मंजूरी दी थी।