पाक मूल की ब्रिटिश यूट्यूबर बोलीं- 'भारत की एकता सराहनीय, मिलकर मनाते हैं हर त्योहार'

लुब्ना ज़ैदी ने पाकिस्तान में बढ़ते कट्टरपंथ पर जताई चिंता

पाक मूल की ब्रिटिश यूट्यूबर बोलीं- 'भारत की एकता सराहनीय, मिलकर मनाते हैं हर त्योहार'

Photo: lubna_zaidi_1 Instagram account

लंदन/दक्षिण भारत। पाकिस्तानी मूल की ब्रिटिश नागरिक एवं मशहूर यूट्यूबर लुब्ना ज़ैदी ने दीपावली के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए भारत की 'विविधता में एकता' की सराहना की है। उन्होंने कहा कि भारत से जो लोग ब्रिटेन या किसी भी पश्चिमी देश में जाते हैं, उन्हें वहां घुलने-मिलने में ज़्यादा आसानी होती है। जबकि, पाकिस्तानियों के साथ ऐसा नहीं है। उनमें दूसरों के प्रति सहिष्णुता नहीं होती और वे अपनी 'अलग ही' दुनिया में रहते हैं।

Dakshin Bharat at Google News
लुब्ना ने पाकिस्तान में बढ़ते कट्टरपंथ पर चिंता जताते हुए कहा कि इस देश के लोगों को फ़ायदा तब होता, जब वे दूसरे धर्म के लोगों के साथ सुकून से रहते। 

बता दें कि लुब्ना का जन्म ब्रिटेन में हुआ था। उनकी परवरिश भी वहीं हुई। उनके माता-पिता पाकिस्तान से वहां गए थे। उनके दादा और नाना भारत के उत्तर प्रदेश से थे। साल 1947 में विभाजन के बाद वे पाकिस्तान के कराची शहर चले गए थे।

लुब्ना ने यूरोप के संबंध में भी चिंता जताते हुए कहा कि यहां स्थिति ठीक नहीं है। इधर अन्य देशों से बहुत लोग आ रहे हैं। हालांकि समस्या यह नहीं है। पहले जो लोग आते थे, वे स्थानीय समुदायों के साथ घुलने-मिलने की कोशिश करते थे, लेकिन (पाकिस्तान की ओर संकेत करते हुए) अब जो लोग आ रहे हैं, वे बिल्कुल भी घुलना-मिलना नहीं चाहते। उन्होंने एक अलग ही दुनिया बनाई हुई है। इससे अंग्रेज़ भी काफ़ी घबराए हुए हैं। अवैध तरीके से लोगों का आना भविष्य में बहुत ख़तरनाक हो सकता है। कट्टरपंथ के प्रसार के कारण पूरा यूरोप काफ़ी परेशान है। 

लुब्ना ने कहा कि भारत से आने वाले लोगों को घुलने-मिलने में ज़्यादा आसानी इसलिए होती है, क्योंकि वे अपने देश में विभिन्न धर्मों, भाषाओं और परंपराओं के बीच रहते हैं। भारत में सभी त्योहार मिल-जुलकर मनाए जाते हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तान में इसका अभाव है। वहां से आने वाले लोग इसके अभ्यस्त नहीं हैं। प्राय: उनमें दूसरों की आस्था के प्रति सहिष्णुता नहीं होती। वे अन्य लोगों को बर्दाश्त नहीं कर पाते। यही नहीं, वे उनके साथ मेलजोल रखना पसंद नहीं करते और रुकावटें डालते हैं।

लुब्ना ने बताया कि ब्रिटेन में भी सारे त्योहार मनाए जाते हैं। दीपावली, होली, ईद आदि के बड़े आयोजन होते हैं। इसके अलावा क्रिसमस को लेकर बहुत उत्साह होता है, जिसके लिए काफ़ी सजावट की जाती है। दीपावली पर लंदन में घरों-बाज़ारों में सजावट देखने को मिलती है।

लुब्ना हिंदी और उर्दू, दोनों भाषाएं काफ़ी अच्छी तरह से समझती और बोलती हैं। उनके अनुसार, कुछ ही शब्दों का अंतर है, दोनों भाषाएं एक जैसी हैं। एक बार उनसे किसी स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि यह भाषा सुनने में बहुत अच्छी लगती है। लुब्ना ने पाकिस्तानियों के 'हिंदीविरोध' पर कहा कि उनकी बुनियाद बहुत कमजोर है। उनकी अपनी कोई पहचान नहीं है। वे अपने इतिहास को नकारने की पूरी कोशिश करते हैं। उन्हें लगता है कि कोई झूठ सौ बार बोलेंगे तो वह सच हो जाएगा। 

लुब्ना ने कहा कि सच तो यह है कि आज का पाकिस्तान कभी भारत का हिस्सा था। उस इतिहास को नहीं नकार सकते। कई पाकिस्तानी अपनी संकुचित सोच लेकर यूरोप आते हैं। वे यहां भी अपने तौर-तरीके थोपने लगते हैं, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है।

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

क्या सच में अलग हो गईं मलाइका से राहें? अर्जुन कपूर ने दिया यह जवाब! क्या सच में अलग हो गईं मलाइका से राहें? अर्जुन कपूर ने दिया यह जवाब!
Photo: malaikaaroraofficial Instagram account
दुश्मन जब भारतीय सेना के जवानों को देखता है तो उसे बुरे मंसूबों का अंत दिखाई देता है: मोदी
पाक मूल की ब्रिटिश यूट्यूबर बोलीं- 'भारत की एकता सराहनीय, मिलकर मनाते हैं हर त्योहार'
बीते 10 वर्षों का कालखंड भारत की एकता और अखंडता के लिए अभूतपूर्व उपलब्धियों से भरा रहा है: मोदी
बेंगलूरु: नम्मा मेट्रो की ‘भद्रा टीबीएम’ नागवारा स्टेशन पर पहुंची
विदेश जाने का ऐसा जुनून क्यों?
पूर्वी लद्दाख: सैनिकों की वापसी पूरी, दीपावली पर होगा मिठाइयों का आदान-प्रदान!