हेराल्ड मामला : स्वामी ने ट्वीट करने के अधिकार का बचाव किया
हेराल्ड मामला : स्वामी ने ट्वीट करने के अधिकार का बचाव किया
नई दिल्ली/भाषाअपने ट्वीटों से नेशनल हेराल्ड मामले की कार्यवाही को प्रभावित करने के आरोपों का खंडन करते हुए भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने शनिवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि उन्हें उन सोशल मीडिया की पोस्टों के बारे में याद नहीं प़ड रहा जिनका हवाला कांग्रेस ने दिया है।स्वामी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा की अर्जी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। इस अर्जी में अदालत से भाजपा नेता को मामले के संबंध में ट्वीट करने से रोकने का अनुरोध किया गया है। इस मामले में वोरा, कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और सोनिया गांधी के साथ आरोपी हैं।राज्यसभा सदस्य स्वामी ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट समर विशाल से कहा कि उन्हें इस बात की आशंका है कि वोरा ने जिन ट्वीटों का हवाला दिया है, उनके साथ छे़डछा़ड की गई हो। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें ट्वीट करने का अधिकार है।स्वामी ने कहा, मैं ट्वीटों को याद नहीं कर सकता हूं। मैंने अनगिनत ट्वीट किए हैं और नहीं जानता कि याचिकाकर्ता (वोरा) ने जिन ट्वीटों का हवाला दिया है वो मेरे हैं। उन्होंने कहा, ट्वीटों की प्रतियां कानून के तहत मान्य नहीं है और अपनी अर्जी पर जोर देने के लिए इन्हें साक्ष्य के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता है। अगर मैं नहीं जानता हूं कि सबूत क्या हैं तो मैं आगे कार्यवाही कैसे करूंगा? मुझे ट्वीट करने का अधिकार है। लेकिन जिन साक्ष्यों का आपने दावा किया है वे सबूत नहीं है क्योंकि वे प्रमाणित नहीं है। उन्होंने दलील दी कि इस तरह के कोई सबूत नहीं है कि उनके ट्वीट मानहानिकारक हैं। लिहाजा वोरा की अर्जी को खारिज कर दिया जाना चाहिए।स्वामी ने कहा, वे यह दिखाने के लिए कोई कुछ भी नहीं लाए कि अगर ट्वीट सच्चे भी हैं तो किसी की मानहानि करते हैं। यह मामला भ्रष्टाचार का है। इसमें जनता का निश्चित तौर पर हित है। देश और खुले समाज की ओर ब़ढ रहा है। उन्होंने कहा, इस मामले में कोई सबूत नहीं है और अर्जी को जुर्माने के साथ खारिज किया जाना चाहिए। वोरा की ओर से पेश हुए वकील आरएस चीमा ने कहा कि स्वामी ने लिखित अभिवेदन में आरोपों से इनकार नहीं किया है। चीमा ने कहा, यह अदालत की अवमानना है। जब हमने ट्वीटों का हवाला देकर अर्जी दायर की तो उन्होंने अपने लिखित अभिवेदन में उनका खंडन नहीं किया। वह वकील के तौर पर मेरे काम में दखलअंदाजी कर रहे हैं। इसके बाद अदालत ने १७ नवंबर तक के लिए अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया।भाजपा नेता ने निजी आपराधिक शिकायत में राहुल एवं सोनिया तथा अन्य पर आरोप लगाया है कि उन्होंने धोखाध़डी करने की साजिश रची और ५० लाख रुपए देकर कोष गबन किया जिसके तहत यंग इंडियन प्रा लि (वाईआई) को कांग्रेस को देय ९०.२५ करो़ड रुपए वसूली का अधिकार मिल गया। वोरा ने पहले अदालत को कहा था कि स्वामी ट्वीट करके आरोपियों का चरित्र हनन कर रहे हैं।वकील ने कहा था, शिकायतकर्ता (स्वामी) आरोपियों की ओर से पेश होने वाले वकीलों का अपमान कर रहे हैं और मामले के गुण-दोष पर टिप्पणी करके जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। सभी सात आरोपियों ‘राहुल एवं सोनिया, वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और वाईआई’’ ने उन पर लगाए गए आरोपों से इनकार किया।