इस अदालत में समर्पण करेंगे सिद्धू, कुछ नेता और समर्थक आवास पहुंचे

इस अदालत में समर्पण करेंगे सिद्धू, कुछ नेता और समर्थक आवास पहुंचे

कांग्रेस के पूर्व विधायक सुरजीत सिंह धीमान पटियाला में सिद्धू के आवास पर पहुंचने वाले नेताओं में शामिल थे


पटियाला/भाषा। कांग्रेस के कुछ नेता और समर्थक शुक्रवार को सुबह पार्टी की पंजाब इकाई के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के आवास पर पहुंचे, जिन्हें 1988 के ‘रोड रेज’ मामले में उच्चतम न्यायालय ने एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।

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सिद्धू के शुक्रवार को ही पटियाला की एक अदालत में समर्पण करने की संभावना है। कांग्रेस के पूर्व विधायक सुरजीत सिंह धीमान पटियाला में सिद्धू के आवास पर पहुंचने वाले नेताओं में शामिल थे।

पटियाला जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नरिंदर पाल लाली ने बृहस्पतिवार की रात पार्टी समर्थकों को दिए एक संदेश में कहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू सुबह 10 बजे अदालत पहुंचेंगे। उन्होंने पार्टी समर्थकों से सुबह करीब साढ़े नौ बजे अदालत परिसर पहुंचने का आग्रह किया था। क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर बृहस्पतिवार रात पटियाला स्थित आवास पहुंच गईं।

उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को नवजोत सिंह सिद्धू को 1988 के रोड रेज मामले में एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। शीर्ष अदालत ने कहा था कि कम सजा देने के लिए किसी भी तरह की सहानुभूति न्याय प्रणाली को अधिक नुकसान पहुंचाएगी और कानून के प्रभाव को लेकर जनता के विश्वास को कमजोर करेगी।

कांग्रेस नेता ने कल शीर्ष अदालत के फैसले के बाद ट्वीट किया था, ‘कानून का सम्मान करूंगा।’ इससे पहले, उन्होंने जरूरी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के खिलाफ प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराने के लिए बृहस्पतिवार को पटियाला में एक हाथी की सवारी की थी।

न्यायालय ने रोड रेज की घटना में सिद्धू को मिली जुर्माने की सजा को बढ़ाकर उसके साथ एक साल के सश्रम कारावास की सजा भी सुनाई थी। इस घटना में 65 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, सिद्धू और उनके सहयोगी रुपिंदर सिंह संधू 27 दिसंबर, 1988 को पटियाला में शेरांवाला गेट क्रॉसिंग के पास एक सड़क के बीच में खड़ी एक जिप्सी में थे। उस समय गुरनाम सिंह और दो अन्य लोग पैसे निकालने के लिए बैंक जा रहे थे।

जब वे चौराहे पर पहुंचे तो मारुति कार चला रहे गुरनाम सिंह ने जिप्सी को सड़क के बीच में पाया और उसमें सवार सिद्धू तथा संधू को इसे हटाने के लिए कहा। इससे दोनों पक्षों में बहस हो गई और बात हाथापाई तक पहुंच गई। गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई।

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