रेलवे पुलिस प्रमुखों का 5वां अखिल भारतीय सम्मेलन हुआ
यात्री सुरक्षा को मजबूत करने पर दिया जोर
सुरक्षा ढांचे के आधुनिकीकरण की जरूरत पर ध्यान दिया गया
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के समन्वय में रेल मंत्रालय के साथ राजकीय रेलवे पुलिस प्रमुखों का 5वां अखिल भारतीय सम्मेलन बुधवार को यहां विज्ञान भवन में हुआ।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतीश कुमार के भाषण के साथ सम्मेलन की शुरुआत हुई। उन्होंने यात्री शिकायतों और मामलों के दर्ज करने पर विशेष ध्यान देने के साथ यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में जीआरपी और आरपीएफ के बीच सहयोगात्मक दृष्टिकोण के महत्त्व पर जोर दिया।उन्होंने ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते, ऑपरेशन आहट और मेरी सहेली जैसी विभिन्न पहलों के जरिए रेलवे में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आरपीएफ के प्रयासों की भी सराहना की।
डीजी आरपीएफ मनोज यादव ने बढ़ते यात्री अपराधों को संभालने में सुरक्षा ढांचे के आधुनिकीकरण की जरूरत पर जोर दिया।
इस दौरान रेल मदद पोर्टल पर दर्ज यात्री शिकायतों और वास्तविक रूप से दर्ज किए जा रहे मामलों के तुलनात्मक विश्लेषण पर चर्चा की गई। नए आपराधिक कानूनों का कार्यान्वयन एक प्रमुख केंद्र बिंदु था। इसमें जीरो एफआईआर के कुशल प्रबंधन और राज्यों में तेजी से अपराध रिपोर्टिंग, सुव्यवस्थित साक्ष्य प्रबंधन और प्रभावी जांच को सुविधाजनक बनाने के लिए ई-एफआईआर सिस्टम के एकीकरण की जरूरत पर प्रकाश डाला गया।
इस सत्र में भारत के व्यापक रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा मांगों को पूरा करने के लिए एक संरचित, स्केलेबल ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
समापन भाषण में मनोज यादव ने सम्मेलन की सहयोगात्मक भावना की सराहना करते हुए कहा, ‘इस सम्मेलन ने रेलवे सुरक्षा को मजबूत करने के हमारे सामूहिक संकल्प की पुष्टि की है। मैनपॉवर की चुनौतियों का समाधान करके, हमारी प्रणालियों का आधुनिकीकरण करके और अपराध प्रतिक्रिया तंत्र में सुधार करके, हम लाखों यात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने की दिशा में निर्णायक कदम उठा रहे हैं।’
सम्मेलन भविष्य के लिए दृष्टिगत विचार के साथ पूरा हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने कार्रवाई योग्य समाधानों पर सहमति जताई। इसमें उन्नत प्रौद्योगिकी को अपनाना, हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय और यात्री सुरक्षा प्राथमिकता पर जोर दिया गया।