एकता का महाकुंभ
हम भारतवासी एकजुट हों तो क्या नहीं कर सकते!
ऐसा दृश्य विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रयागराज महाकुंभ से जुड़ीं जो बातें बताईं, उनसे जाहिर होता है कि यह महान आयोजन अपनेआप में कितना सुंदर, भव्य और अनूठा होगा! इसमें करोड़ों श्रद्धालु आएंगे और सोशल मीडिया के जरिए करोड़ों ही इसके साक्षी बनेंगे। इतने बड़े आयोजन के लिए शक्ति व सामर्थ्य सिर्फ भारत में है। जिन साधन-संपन्न देशों की दुनियाभर में जय-जयकार की जाती है, जिनके संगठन कौशल की तारीफ की जाती है, उनकी सरकारों को ऐसा आयोजन करने के लिए कह दें तो उनके हाथ-पांव फूल जाएं! यहां भारत सरकार के सहयोग के साथ उत्तर प्रदेश सरकार जिस स्तर पर महाकुंभ आयोजन को भव्य बनाने जा रही है, उसमें गहरा संदेश छिपा है। हम भारतवासी एकजुट हों तो क्या नहीं कर सकते! प्राय: लोग ऐसी शिकायतें करते रहते हैं कि फलां जगह यह चीज नहीं है, वह चीज नहीं है, इसका अभाव है, उसकी कमी है, उधर कोई अच्छी व्यवस्था नहीं है। अगर हम महाकुंभ से प्रेरणा लेकर एकजुट होकर प्रयास करें तो हमारी सभी चीजें सुधर सकती हैं, सारे अभाव दूर हो सकते हैं, हर कमी समाप्त हो सकती है, सभी व्यवस्थाएं अपने बेहतरीन स्वरूप में आ सकती हैं। इसके लिए हमें लंदन, न्यूयॉर्क और पेरिस की ओर देखने की जरूरत नहीं है। हम अपनी शक्ति व संसाधनों से हमारे देश को बहुत सुंदर व सक्षम बना सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सत्य कहा है कि अनेकता में एकता का ऐसा दृश्य विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलेगा। लाखों संतों, हजारों परंपराओं, सैकड़ों संप्रदायों, कई अखाड़ों और करोड़ों श्रद्धालुओं को जो तत्त्व जोड़ता है, वह है- सनातन की शक्ति।
प्रयागराज महाकुंभ स्वदेशी की अवधारणा को मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध हो सकता है। यह स्वदेशी उत्पादों के लिए ऐसा मंच बन सकता है, जिससे देश के करोड़ों युवा प्रेरणा ले सकते हैं। देश में न तो मांग की कमी है और न मंच की, बस जरूरत है तो हुनरमंद युवाओं की। वे अपनी योग्यता को पहचानें, उसमें अभिवृद्धि करें। जिस देश के पास इतना बड़ा 'जनबल' है, वहां बेरोजगारी की समस्या का समाधान हम स्वयं कर सकते हैं। हमें इसके लिए भी विदेशी सहायता की ओर टकटकी लगाकर देखने, उनके वीजे पाने के लिए लालायित होने की जरूरत नहीं है। सरकारें सहयोग करें और युवा कुछ करने के लिए दृढ़ संकल्पित हों तो देश की तस्वीर बदल सकते हैं। प्रयागराज महाकुंभ में दुनिया हमारी वैज्ञानिक शक्ति भी देखेगी। श्रद्धालु डिजिटल नेविगेशन के जरिए अलग-अलग घाट, मंदिरों, अखाड़ों तक पहुंचने का रास्ता आसानी से ढूंढ़ सकेंगे। यह प्रणाली पार्किंग तक पहुंचने का रास्ता आसान करेगी। एआई चैटबॉट बहुत अच्छी पहल है। इससे श्रद्धालुओं को महाकुंभ से जुड़े विभिन्न सवालों के जवाब बहुत आसानी से मिल जाएंगे। किस जगह क्या है, किस सुविधा के लिए कहां प्रबंध किए गए हैं, जरूरत पड़ने पर किससे संपर्क करें ... जैसे कई सवालों के जवाब श्रद्धालुओं को अपने मोबाइल फोन पर मिल जाएंगे। इस चैटबॉट से जुड़ी एक और अच्छी बात यह है कि इसमें 11 भारतीय भाषाओं में जानकारी उपलब्ध होगी। यही नहीं, इसमें टेक्स्ट टाइप करने के अलावा बोलकर भी मदद मांगी जा सकती है। ऐसा चैटबॉट बनाना कोई मामूली बात नहीं है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों की सराहना की जानी चाहिए। यह एकता का महाकुंभ है, जिसे सफल बनाने के लिए सबको संकल्प लेना चाहिए।