चीनी 'खरपतवार'
निस्संदेह ये ऐप न केवल निजता, सुरक्षा के लिए खतरा थीं, बल्कि गंभीर सामाजिक समस्याएं भी पैदा कर रही थीं
जाहिर-सी बात है कि यह डेटा चीनी फौज और चीनी खुफिया एजेंसियों को आसानी से मिल सकता है
भारत सरकार ने जुआ, सट्टेबाजी, धन शोधन और सूदखोरी को बढ़ावा देने वाली 232 मोबाइल ऐप पर पाबंदी लगाकर चीन को कड़ा संदेश दिया है। ये ऐप चीन सहित विभिन्न विदेशी इकाइयों द्वारा संचालित की जा रही थीं। यह आंकड़ा बहुत बड़ा है, जिससे पता चलता है कि चीनियों ने ऐप्स के जरिए किस हद तक भारतीय बाजार में 'घुसपैठ' कर रखी है।
निस्संदेह ये ऐप न केवल निजता, सुरक्षा के लिए खतरा थीं, बल्कि गंभीर सामाजिक समस्याएं भी पैदा कर रही थीं। हमारे ऋषियों, सुधारकों ने बार-बार कहा है कि जुआ, सट्टा जैसी बुराइयों से दूर ही रहें, क्योंकि जो एक बार इनके जाल में फंस गया, वह बड़ी मुश्किल से बाहर निकला। कई लोग तो इसमें जीवनभर की बचत गंवा देते हैं।चीनी ऐप कंपनियां ऐसे लोगों की कमजोरी को भुनाने के लिए बाजार में आ गई हैं। इंटरनेट ने इनका काम बहुत आसान कर दिया है। ये चीन के किसी शहर से संचालित होती हैं और इधर भारतीय इनके जाल में फंसते जाते हैं, अपनी कमाई लुटाते जाते हैं। ये ऐप किसी उपयोगकर्ता को जोड़ने के लिए लुभावने प्रस्ताव देती हैं। फिर वे मनमानी शर्तें भी रखती हैं। वे संबंधित व्यक्ति का मोबाइल डेटा अवैध रूप से चीन भेजती रहती हैं।
जाहिर-सी बात है कि यह डेटा चीनी फौज और चीनी खुफिया एजेंसियों को आसानी से मिल सकता है। इस तरह ये ऐप भारत की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करती हैं।
भारत सरकार पूर्व में भी ऐसी ऐप पर पाबंदी लगा चुकी है, लेकिन देखते ही देखते ये 'खरपतवार' की तरह फिर आ जाती हैं। ध्यान दें कि उक्त ऐप में करीब आठ दर्जन ऐप वे हैं, जो लोगों को कर्ज देती हैं। चीन से कर्ज लेकर श्रीलंका की अर्थव्यवस्था डूब गई, पाकिस्तान आर्थिक तबाही के बिल्कुल किनारे खड़ा है, विभिन्न अफ्रीकी देशों में विरोध के स्वर फूट रहे हैं ... क्या यह सब इतना बताने के लिए काफी नहीं कि चीनी कर्ज कितना घातक सिद्ध हो सकता है?
चीन सरकार की नीति विस्तारवाद की है। वह इसके लिए छल, बल सब तरह के हथकंडे आजमाती है। लोन ऐप भी इसी साजिश का हिस्सा है। इसके तहत पहले आसान और लुभावनी शर्तों पर कर्ज दिया जाता है। फिर ऊंची ब्याज दर पर बार-बार वसूली की जाती है। अगर किसी देश की बहुत बड़ी आबादी को इस तरह कर्ज बांट दिया जाए तो स्पष्ट है कि वह ऐप की शर्तें मानने के लिए बाध्य होगी।
चीनी लोन ऐप के ऐसे मामले पुलिस तक पहुंच चुके हैं, जिनमें आरोप लगाया गया है कि कर्ज चुका देने के बावजूद ये ऐप और रुपए मांग रही हैं। जब कोई व्यक्ति इन्कार करता है तो उसकी तस्वीरों के साथ काट-छांट कर उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी जाती है। कुछ लोग तो ऐसी ऐप के दबाव में आकर आत्महत्या तक कर चुके हैं।
चीन के विस्तारवादी मंसूबों के सामने सबसे बड़ी चुनौती भारत है। जब चीनी जवान एलएसी पर घुसपैठ की कोशिश करते हैं तो भारतीय सैनिक खूब सख्ती से जवाब देते हैं। पिछले दिनों एक वीडियो में दुनिया ने देखा कि हमारे सैनिकों ने किस तरह पीएलए की पिटाई की थी।
चीन समझ चुका है कि वह सैन्य बल से भारत को टक्कर नहीं दे सकता, इसलिए धनबल का दांव आजमा रहा है, जिसमें छल और षड्यंत्र भी शामिल है। भारतवासियों को इससे सजग रहना चाहिए। भारत सरकार को चाहिए कि वह चीन की ऐसी ऐप्स पर कड़ी नजर रखे और खतरे को भांपते ही पाबंदी लगा दे, ताकि यह खरपतवार बढ़ने का मौका न पाए।