जटिल जातीय समीकरणों ने उलझाया आप-कांग्रेस गठजोड़ का पेंच

जटिल जातीय समीकरणों ने उलझाया आप-कांग्रेस गठजोड़ का पेंच

अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी।

नई दिल्ली/भाषा। दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर उलझी गुत्थी के पीछे की वजह आप द्वारा सातों सीट पर पहले ही अपने उम्मीदवार घोषित कर देना तो है ही। साथ ही सातों लोकसभा सीटों के जातीय समीकरणों को लेकर भी दोनों के बीच सीटों के बंटवारे पर पेंच फंस गया है।

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लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आप-कांग्रेस गठबंधन को लेकर दोनों दलों के नेतृत्व के बीच विभिन्न मसलों पर मतभेद के कारण कोई निर्णायक फैसला नहीं हो पा रहा है। जानकारों के मुताबिक, गठबंधन की राह में दो मुख्य बाधाएं उभर कर सामने आई हैं। पहली बाधा है आप द्वारा सातों सीट पर पहले ही अपने उम्मीदवार घोषित कर देना। विभिन्न सीटों पर जातीय समीकरणों के लिहाज से दोनों दलों के बीच अपनी पसंद की सीटों पर दावेदारी दूसरी प्रमुख बाधा है।

कांग्रेस में गठबंधन के हिमायती एक नेता ने बताया कि आप नेतृत्व गठजोड़ के लिए तो तत्पर है लेकिन शुरू में ही छह सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित कर आप ने सीट बंटवारे के दरवाजे को बिल्कुल सीमित कर दिया है। खासकर आप ने कांग्रेस की पसंद वाली उन तीन सीटों पर ऐसे उम्मीदवार उतार दिए जो न तो जातीय समीकरणों के लिहाज से मुफीद हैं, न ही आप के लिए इन्हें चुनाव मैदान से वापस लेना सहज है।

जातीय समीकरणों का हवाला देकर कांग्रेस दक्षिणी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, उत्तर पूर्वी और उत्तर पश्चिम दिल्ली (सु.) सीट पर मजबूत दावेदारी कर रही है। आप ने दक्षिणी दिल्ली से राघव चड्ढा, पूर्वी दिल्ली से आतिशी, उत्तर पूर्वी से दिलीप पांडे और उत्तर पश्चिम दिल्ली से गूगन सिंह को उम्मीदवार बनाया है। आप चड्ढा, आतिशी और पांडे पर कोई समझौता करने के मूड में नहीं है जबकि क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों के आधार पर कांग्रेस पूर्वी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट में से किसी एक को ही समझौते के तहत छोड़ सकती है।

जातीय समीकरणों पर आधारित सीट वितरण संबंधी कांग्रेसी फॉर्मूले के मुताबिक जाट, गूजर और यादव सहित अन्य पिछड़े वर्ग के 35 प्रतिशत मतदाताओं वाली दक्षिणी दिल्ली सीट पर महज 12 फीसदी पंजाबी, खत्री और सिख मतदाताओं के बलबूते आप के राघव चड्ढा अनुपयुक्त प्रत्याशी हैं।

कांग्रेस के फॉर्मूले में पेश आंकड़ों के मुताबिक इस सीट पर 19 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 10 प्रतिशत पंजाबी खत्री, दो प्रतिशत सिख, नौ प्रतिशत ब्राह्मण, पांच प्रतिशत वैश्य, पांच प्रतिशत मुस्लिम, पांच प्रतिशत जाट, 10 प्रतिशत यादव-गूजर और 20 प्रतिशत अन्य पिछड़े वर्ग की जातियों के मतदाता हैं।

वहीं पूर्वी दिल्ली में अनुसूचित जाति के 17 प्रतिशत, मुस्लिम 15 प्रतिशत, गूजर-जाट छह प्रतिशत और अन्य पिछड़ी जातियों की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत होने के कारण कांग्रेस की नजर में आप प्रत्याशी सामाजिक समीकरणों के मुताबिक उपयुक्त नहीं हैं। कांग्रेस इस सीट पर किसी पिछड़े या मुस्लिम समुदाय के उम्मीदवार की हिमायती है। इसी तरह कांग्रेस उत्तर पूर्वी सीट पर 17 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 20 प्रतिशत मुस्लिम, 11 प्रतिशत गूजर-यादव और 14 प्रतिशत अन्य पिछड़ी जातियों की मौजूदगी के आधार पर इन समुदायों के किसी पूर्वांचली चेहरे को उम्मीदवार बनाना चाहती है।

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