प्रशांत किशोर को महंगी पड़ी बयानबाजी, जदयू ने दिखाया बाहर का रास्ता
प्रशांत किशोर को महंगी पड़ी बयानबाजी, जदयू ने दिखाया बाहर का रास्ता
पटना/दक्षिण भारत। जदयू नेतृत्व से खींचतान और बयानबाजी प्रशांत किशोर को महंगी पड़ गई। पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जदयू द्वारा जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है। उनके अलावा पवन वर्मा को भी निष्कासित कर दिया गया है।
जदयू के प्रधान महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी द्वारा जारी इस प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत अन्य सभी जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाता है।जदयू ने कहा कि प्रशांत किशोर ने पार्टी में पदाधिकारी रहते हुए कई विवादास्पद वक्तव्य दिए जो पार्टी के निर्णय के विरुद्ध और स्वेच्छाचारिता के परिचायक हैं। जदयू ने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर को पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने सम्मानित किया लेकिन इसका इस्तेमाल उन्होंने अपनी ‘स्वेच्छाचारिता’ के रूप में किया।
जदयू ने कहा कि इसके बावजूद राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्वेच्छाचारी बयानों को दरकिनार किया और कहा कि प्रशांत किशोर की इच्छा पर निर्भर है कि पार्टी में रहें; अगर नहीं रहना तो जहां इच्छा हो जाने के लिए स्वतंत्र हैं। जदयू ने कहा कि इसकी प्रतिक्रिया में प्रशांत किशोर ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।
जदयू ने कहा कि प्रशांत किशोर और ज्यादा नहीं गिरें, इसके लिए जरूरी है कि वे पार्टी से मुक्त हों। उसने कहा कि प्रशांत किशोर को पार्टी में जितना सम्मान मिलना चाहिए था, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उससे ज्यादा दिया। वहीं, प्रशांत किशोर ने पार्टी के प्रति समर्पित रहने के बजाय इसे जदयू की मजबूरी समझा।
जदयू ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिखकर उसे सार्वजनिक करना, उसमें निजी बातों का उल्लेख करना, यह दर्शाता है कि उन्हें दल का अनुशासन स्वीकार नहीं है। जदयू ने कहा कि प्रशांत किशोर और पवन वर्मा के आचरण से स्पष्ट है कि ये अनुशासन में नहीं रहना चाहते। लिहाजा दोनों को पार्टी के संविधान की धारा 21 के अनुशासन संबंधी नियमों के खंड 4 (क) के मुताबिक निष्कासित किया जाता है।