कोरोना संकट के बीच बिहार चुनाव के लिए भाजपा की नई रणनीति

कोरोना संकट के बीच बिहार चुनाव के लिए भाजपा की नई रणनीति

नई दिल्ली/भाषा। कोरोना संकट के बीच बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा कई महीने पहले से ही अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुट गई है और सामाजिक दूरी का पालन करते हुए पार्टी इस बार डिजिटल प्रचार को प्रमुखता देगी।

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भाजपा नेताओं का कहना है कि कोविड-19 के कारण अब काफी समय तक सामाजिक दूरी का पालन करना होगा, ऐसे में पार्टी की बड़ी बड़ी रैलियों के स्थान पर फेसबुक लाइव, वॉट्सएप समूह और यूट्यूब लाइव का उपयोग प्रभावी तरीके से करने की तैयारी है।

भाजपा ने राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं और हर बूथ पर ‘सप्तर्षि योद्धाओं’ के जरिए डिजिटल प्रचार कार्यक्रम को अंतिम रूप दे रही है।

बिहार में वैसे तो भाजपा और जदयू के अलग-अलग चुनाव लड़ने की संभावना नहीं है लेकिन भारतीय जनता पार्टी सभी सीटों पर चुनाव प्रभारियों को तैनात कर और हर बूथ पर पार्टी कार्यकर्ताओं के नेटवर्क को सक्रिय करके यह स्पष्ट संकेत देने का प्रयास कर रही है कि वह 2015 विधानसभा चुनाव की हर कमी को दूर करना चाहती है। साल 2015 के चुनाव में भाजपा को राजद-जदयू-कांग्रेस महागठबंधन से पराजित होना पड़ा था।

बहरहाल, बिहार में भाजपा की चुनावी तैयारियों को गति प्रदान करने के लिए बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रदेश कोर कमेटी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए लगभग तीन घंटे तक चर्चा की थी।

राज्य में अभी जदयू-भाजपा-लोजपा गठबंधन की सरकार है जहां उसका मुकाबला राजद, कांग्रेस सहित विपक्षी गठबंधन से होने की संभावना है। हाल में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि राज्य में भाजपा गठबंधन नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा।

पार्टी के एक महासचिव ने बताया, ‘लॉकडाउन खुलने के बाद भी राजनीतिक रैली, जनसभा, आंदोलन, चुनाव प्रचार और वोट मांगने के तरीकों में सामाजिक दूरी का ध्यान रखना होगा क्योंकि परंपरागत रूप से इन गतिविधियों में सामाजिक दूरी का पालन कठिन है। ऐसे में भाजपा टेक्नोलॉजी आधारित प्रचार और जनसभा की तैयारी करने में लगी है।’

पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी बूथ संगठन को मजबूत करने पर खास जोर दे रही है, इसके लिए वह ‘सप्तर्षि मंडल’ का नेटवर्क तैयार कर रही है। बूथ स्तर पर फेसबुक वॉट्सएप समूह का संचालन भी इन्हीं योद्धाओं एवं बूथ प्रहरियों के जरिए होगा।

दरअसल, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश के सभी बूथों पर सात लोगों की एक समिति गठित करने को कहा गया है। इस बूथ स्तरीय समिति को ‘सप्तर्षि’ का नाम दिया है। इस बूथ समिति में दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के एक-एक प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। इस समिति में युवा और महिलाओं को भी शामिल किया जा रहा है।

प्रदेश भाजपा के एक अन्य नेता ने बताया कि हम बिहार चुनाव को लेकर हर बूथ पर पार्टी का एक वॉट्सएप ग्रुप बनाने पर जोर दे हैं, जिसमें ‘बूथ प्रहरी’ और ‘सप्तर्षि’ एडमिन होगा और अभियान के संबंध में सभी प्रमुख यहां जानकारी साझा की जाएंगी।”उन्होंने कहा कि ‘सप्तऋषि कार्यक्रम’ एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसके जरिए समाज के हर तबके के लोगों को हम अपने साथ जोड़ रहे हैं। इस कार्यक्रम में सामाजिक सद्भाव का भी ख्याल रखा गया है।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा फेसबुक लाइव एवं यूट्यूब लाइव के माध्यम से प्रचार कार्य किया जाएगा। गौरतलब है कि बिहार में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधान सभा के चुनाव होने हैं। हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से चुनाव समय पर हो पाएगा या नहीं, इस पर संशय है।

बिहार में भाजपा की चुनावी तैयारियों पर पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बिहार भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव और प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल के अलावा उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मंगल पांडेय, पूर्व सांसद डॉ. सीपी ठाकुर, केंद्रीय गृह मंत्री नित्यानंद राय, केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के साथ भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष आदि ने हिस्सा लिया।

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