सरकार ने की विपक्षी दलों के साथ बैठक

सरकार ने की विपक्षी दलों के साथ बैठक

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह के खिलाफ की गई कथित टिप्पणी को लेकर संसद में जारी गतिरोध के बीच मंगलवार को सरकार और विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई। शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद से ही कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे को संसद के दोनों सदनों में उठा रहे हैं। मुद्दे को लेकर दोनों सदनों की कार्रवाई बार बार बाधित हो रही थी।राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि सभापति एम वेंकैया नायडू के सुझाव पर सदन के नेता एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली के कक्ष में विपक्षी दलों के नेताओं की इस मुद्दे पर बैठक हुई। इस बैठक में संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार और इसी मंत्रालय के राज्यमंत्री विजय गोयल भी मौजूद थे। उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक में मौजूद थे। शर्मा ने कहा कि इस बैठक में विपक्षी नेताओं से कहा गया कि इस मुद्दे पर सरकार विचार विमर्श कर अपना रुख स्पष्ट करेगी। उन्होंने कहा कि हम सरकार के जवाब की प्रतीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में प्रधानमंत्री सदन में आकर स्पष्टीकरण देते हैं और खेद जताते हैं तो इससे उनके पद की गरिमा कम नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यह टिप्पणी न केवल पूर्व प्रधानमंत्री बल्कि पूर्व उपराष्ट्रपति, पूर्व सेना प्रमुख तथा भारत के कई महत्वपूर्ण पूर्व राजनयिकों के बारे में भी गई हैं।शर्मा ने कहा कि इनमें से अधिकतर लोग ऐसे हैं जो संसद में आकर अपना पक्ष भी नहीं रख सकते। उन्होंने कहा कि उस रात्रि भोज में पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री आए थे जिन्हें हमारी सरकार ने वीजा दिया था। उन्होंने कहा कि सरकार के दो वरिष्ठ मंत्रियों ने पूर्व प्रधानमंत्री के इस रात्रि भोज में जाने को गलत जोखिम बताया था। कांग्रेस नेता ने कहा कि गलत जोखिम तो प्रधानमंत्री मोदी का २०१५ में बिना आमंत्रण पाकिस्तान जाना था। इसी के बाद पठानकोट वायुसेना केन्द्र पर हमला हुआ था।

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