कोरोना वायरस: शाहीन बाग में पसरा सन्नाटा, प्रदर्शनकारियों ने ली घर की राह

कोरोना वायरस: शाहीन बाग में पसरा सन्नाटा, प्रदर्शनकारियों ने ली घर की राह

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। देश-दुनिया में फैले रहे कोरोना वायरस के खौफ का असर शाहीन बाग में भी दिखाई देने लगा है। सीएए और एनआरसी के विरोध के नाम पर कई दिनों से धरने पर बैठीं इन महिलाओं ने प्रदर्शन ​स्थगित कर घर की राह ली। एक रिपोर्ट के अनुसार, जब देश के अलग-अलग राज्यों से कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़ने लगी तो शाहीन बाग से भीड़ छंटने लगी। अब यहां सिर्फ चार-पांच महिलाएं ही हैं।

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उधर, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ऐतिहासिक घंटाघर पर धरने पर बैठीं महिला प्रदर्शनकारियों ने कोरोना वायरस के मद्देनजर अपना धरना स्थगित कर दिया है। महिला प्रदर्शनकारियों ने पुलिस आयुक्त को भेजे एक पत्र में कहा कि वे 66 दिन पुराना अपना धरना कोरोना वायरस के मद्देनजर अस्थायी रूप से स्थगित कर रही हैं।

प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि सरकार की ओर से लगाया गया लॉकडाउन समाप्त होने के बाद वे पुनः घंटा घर पर वापस लौटेंगी। उल्लेखनीय है कि ये महिलाएं सीएए और एनआरसी के खिलाफ घंटाघर पर लगातार धरना दे रही थीं।

वहीं, कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने शनिवार को संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ अपने धरने को स्थगित कर दिया। जामिया के वर्तमान छात्रों और पूर्व छात्रों के समूह जामिया समन्वय समिति ने इसकी घोषणा की। 15 दिसंबर को परिसर में पुलिस की कार्रवाई के बाद इस समूह का गठन किया गया था।

जामिया समन्वय समिति ने कहा कि हम जामिया मिल्लिया इस्लामिया(जेएमआई) के प्रवेश द्वार संख्या सात पर 24 घंटे चल रहे अपने धरने को अस्थायी रूप से स्थगित कर रहे हैं। सभी प्रदर्शनकारियों से अपील करते हैं कि वे इस स्थिति को पूरी गंभीरता से लें, साथ ही वे खुद को और दूसरों को इस घातक संक्रमण से बचाएं।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘जनता कर्फ्यू’ के आह्वान के बाद भी शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों ने कहा था कि उनका धरना जारी रहेगा। संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में महिलाओं ने दिसंबर के मध्य से ही दक्षिणपूर्वी दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाली सड़क का एक हिस्सा अवरुद्ध कर रखा है।

दिल्ली सरकार ने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर 50 से अधिक लोगों वाले समारोहों की अनुमति नहीं है, जिसकी संख्या घटाकर अब 20 कर दी गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था, ‘यह शाहीन बाग पर भी लागू होता है।’ प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को बताया था कि किसी भी समय 50 से अधिक महिलाएं विरोध प्रदर्शन नहीं कर रही हैं।

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