यूनीकॉर्न से लेकर योग तक, 'मन की बात' में क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी?

यूनीकॉर्न से लेकर योग तक, 'मन की बात' में क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी?

आज भारत का स्टार्ट-अप इकोसिस्टम सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है, छोटे-छोटे शहरों और कस्बों से भी उद्यमी सामने आ रहे हैं


नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में देशवासियों के समक्ष विचार व्यक्त किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस महीने 5 तारीख को देश में यूनिकॉर्न की संख्या 100 के आंकड़े तक पहुंच गई है। इन यूनिकॉर्न्स का कुल मूल्यांकन 330 बिलियन डॉलर यानी, 25 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा है।

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हमारे कुल यूनीकॉर्न में से 44 पिछले साल बने थे। इस वर्ष के तीन-चार महीनों में ही 14 और नए यूनीकॉर्न बन गए। हमारे यूनीकॉर्न डायवर्सिफाइंग हैं। ये ई-कॉमर्स, फिन-टेक, एड-टेक, बायो-टेक जैसे कई क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।

आज भारत का स्टार्ट-अप इकोसिस्टम सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है, छोटे-छोटे शहरों और कस्बों से भी उद्यमी सामने आ रहे हैं।

देश की इस सफलता के पीछे देश की युवाशक्ति, देश के टैलेंट और सरकार, सभी मिलकर प्रयास कर रहे हैं, हर किसी का योगदान है। लेकिन, इसमें एक और बात महत्वपूर्ण है, वो है, स्टार्ट-अप जगत में राइट मॉनिटरिंग यानी सही मार्गदर्शन।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में कई सारी भाषा, लिपियां और बोलियों का समृद्ध खजाना है। अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग पहनावा, खानपान और संस्कृति यह हमारी पहचान है।

इस समय हमारे देश में उत्तराखण्ड के ‘चार-धाम’ की पवित्र यात्रा चल रही है। 'चार-धाम' और खासकर केदारनाथ में हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु वहां पहुंच रहे हैं। लोग, अपनी ‘चार-धाम यात्रा’ के सुखद अनुभव साझा कर रहे हैं।

लेकिन, मैंने यह भी देखा कि श्रद्धालु केदारनाथ में कुछ यात्रियों द्वारा फैलाई जा रही गन्दगी की वजह से बहुत दुखी भी हैं। सोशल मीडिया पर भी कई लोगों ने अपनी बात रखी है। हम, पवित्र यात्रा में जाएं और वहां गन्दगी का ढेर हो, यह ठीक नहीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां श्रद्धा है, वहां सृजन और सकारात्मकता भी है। कई श्रद्धालु ऐसे भी हैं जो बाबा केदार के धाम में दर्शन-पूजन के साथ-साथ स्वच्छता की साधना भी कर रहे हैं। कोई अपने ठहरने के स्थान के पास सफाई कर रहा है, तो कोई यात्रा मार्ग से कूड़ा-कचरा साफ कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम जहां कही भी जाएं, इन तीर्थ क्षेत्रों की गरिमा बनी रहे। सुचिता, साफ़-सफाई, एक पवित्र वातावरण हमें इसे कभी नहीं भूलना है, उसे ज़रूर बनाए रखें और इसीलिए ज़रूरी है कि हम स्वच्छता के संकल्प को याद रखें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिन बाद ही 5 जून को विश्व 'पर्यावरण दिवस' के रूप में मनाता है। पर्यावरण को लेकर हमें अपने आस-पास के सकारात्मक अभियान चलाने चाहिएं और ये निरंतर करने वाला काम है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले महीने 21 जून को, हम 8वां ‘अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस’ मनाने वाले हैं। इस बार ‘योग दिवस’ की थीम है – योगा फॉर ह्यूमनिटी। मैं आप सभी से ‘योग दिवस’ को बहुत ही उत्साह के साथ मनाने का आग्रह करूंगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने हम सभी को यह अहसास भी कराया है कि हमारे जीवन में स्वास्थ्य का कितना अधिक महत्व है और योग इसमें कितना बड़ा माध्यम है। लोग यह महसूस कर रहे हैं कि योग से फिजिकल, स्प्रीचुअल और इंटेलेक्चुअल वेल बीइंग को भी कितना बढ़ावा मिलता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अलग-अलग देशों में इंडियन मिशन वहां के लोकल टाइम के मुताबिक सूर्योदय के समय योग कार्यक्रम आयोजित करेंगे। एक देश के बाद दूसरे देश से कार्यक्रम शुरू होगा। पूरब से पश्चिम तक निरंतर यात्रा चलती रहेगी, फिर ऐसे ही ये आगे बढ़ता रहेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में इस बार ‘अमृत महोत्सव’ को ध्यान में रखते हुए देश के 75 प्रमुख स्थानों पर भी ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ का आयोजन होगा। इस अवसर पर कई संगठन और देशवासियों ने अपने-अपने स्तर पर अपने-अपने क्षेत्र की खास जगहों पर कुछ न कुछ इनोवेटिव करने की तैयारी कर रहे हैं।

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