अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के उपायों से बाजार पर सकारात्मक प्रभाव की उम्मीद

अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के उपायों से बाजार पर सकारात्मक प्रभाव की उम्मीद

सांकेतिक चित्र

नई दिल्ली/भाषा। इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक गतिविधियों और थोक मुद्रास्फीति के आंकड़े से तय होगी। इसके अलावा आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिए सरकार के पिछले सप्ताह प्रोत्साहन उपायों की घोषणा का भी बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। विश्लेषकों ने यह बात कही।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को निर्यातकों और रीयल एस्टेट क्षेत्र के लिए 70,000 करोड़ रुपए से अधिक के उपायों की घोषणा की। इनमें अधूरी आवास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए वित्त पोषण मुहैया कराने को लेकर एक कोष की स्थापना जैसी योजनाओं के लिए 30 हजार करोड़ रुपए का खर्च शामिल है। सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब आर्थिक वृद्धि दर की रफ्तार कम होकर छह साल के निचले स्तर पर आ गई है।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजय कुमार ने कहा, वित्त मंत्री के नए उपायों की घोषणा से यह साफ संदेश मिलता है कि सरकार आर्थिक वृद्धि को पटरी पर लाने को शीर्ष प्राथमिकता दे रही है। आवास और निर्यात को बढ़ावा देने के उपायों से रोजगार सृजन में तेजी आएगी।

उन्होंने कहा, विशेष रूप से निर्माण के करीब पहुंच चुकी ‘अटकी परियोजनाओं’ के लिए 10,000 करोड़ रुपए का कोष सराहनीय कदम है। यह उन आवासीय परियोजनाओं के लिए है जो एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) नहीं बनी हैं या एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) के पास नहीं गई हैं।

वैश्विक मोर्चे पर सऊदी अरब के दो बड़े तेल संयंत्रों पर यमन के विद्रोहियों के ड्रोन हमले के बाद पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव का असर बाजार पर पड़ सकता है। इस हमले से सऊदी अरब का आधे से अधिक उत्पादन प्रभावित हुआ है और इससे वैश्विक बाजार में तेल के दाम पर असर पड़ेगा।

कच्चे तेल के दाम में वृद्धि का असर भारत जैसे तेल आयात देशों की राजकोषीय स्थिति पर पड़ेगा। ब्रेंट क्रूड का भाव 60 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर चल रहा है। इसके अलावा निवेशकों की नजर थोक मुद्रास्फीति के आंकड़े पर भी होगी। यह आंकड़ा सोमवार को जारी किया जाएगा।

एपिक रिसर्च के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मुस्तफा नदीम ने कहा, इस सप्ताह हमारे पास थोक मुद्रास्फीति जैसे महत्वपूर्ण आंकड़े आने हैं लेकिन व्यापार युद्ध, वैश्विक बाजार की अन्य गतिविधियों का भी असर होगा। बाजार की चाल वैश्विक बाजारों की दिशा से प्रभावित हो सकती है।

विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में उतार-चढ़ाव तथा विदेशी पूंजी प्रवाह का भी कारोबारी धारणा पर असर पड़ेगा। साथ ही निवेशकों की नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर के बारे में निर्णय और फेडरल ओपन मार्केट कमिटी के आर्थिक अनुमानों पर होगी।

अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव कम होने के संकेत से पिछले सप्ताह सेंसेक्स में 403.22 अंक यानी 1.09 प्रतिशत की तेजी आई। शुक्रवार को सेंसेक्स 280.71 अंक की बढ़त के साथ 37,384.99 अंक पर बंद हुआ।

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