मेरी कॉम ने रचा इतिहास, छठी बार जीती विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप
मेरी कॉम ने रचा इतिहास, छठी बार जीती विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप
नई दिल्ली। मशहूर मुक्केबाज मेरी कॉम ने फिर इतिहास रचा है। उन्होंने छठी बार विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया है। इसके बाद उन्हें देशभर से बधाइयां दी जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारतीय खेल जगत का एक गौरवमय क्षण बताया है।
मेरी कॉम ने दिल्ली के केडी जाधव हॉल में हुए 48 किग्रा श्रेणी के फाइनल मुकाबले में यूक्रेन की हन्ना ओकोता को 5-0 से मात दी। इसके साथ ही उन्होंने छठी बार महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप अपने नाम कर ली। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इस मौके पर मेरी कॉम भावुक हो गईं। जीत के बाद तिरंगा लहराते हुए उनकी आंखें नम हो गई थीं। उन्होंने सभी प्रशंसकों को धन्यवाद कहा और इसे एक महान पल बताया।दोनों खिलाड़ियों के बीच यह मुकाबला काफी रोमांचक रहा। हालांकि पहले राउंड में मेरी कॉम ने ज्यादा आक्रामकता नहीं दिखाई। उन्होंने फुर्ती दिखाते हुए प्रतिद्वंद्वी के कई वार नाकाम कर दिए। दूसरे राउंड में खासी आक्रामकता दिखाई दी। हन्ना ने भी पंच का अच्छा इस्तेमाल किया। मेरी कॉम ने सावधानी से पंच मारे और अंक बटोरने में कामयाब हो गईं।
तीसरे राउंड में मेरी कॉम ने अच्छे पंच मारे। हालांकि हन्ना का रुख भी काफी आक्रामक था। मौका देख मेरी ने हन्ना को पंच जड़े और अंक बटोरे। मुकाबले के दौरान मेरी कॉम ने अनुभव और ताकत दोनों में समन्वय बरकरार रखा।
बता दें कि यह एआईबीए विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप का 10वां संस्करण था। इस जीत के साथ ही मेरी कॉम विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कुल सात पदक अपने नाम कर चुकी हैं। उन्होंने अब तक छह स्वर्ण और एक रजत पदक जीता है। मेरी कॉम को सुपरमॉम भी कहा जाता है। उनके तीन बच्चे हैं। 35 साल की मेरी कॉम अपनी फिटनेस का काफी ख्याल रखती हैं। आमतौर पर इस उम्र में खिलाड़ी संन्यास ले लेते हैं, वहीं मेरी कॉम अब तक इतिहास रच रही हैं। फिटनेस के बूते वे मुकाबले में आक्रामकता और फुर्ती बरकरार रखती हैं।
1 मार्च, 1983 को मणिपुर के चूराचांदपुर जिले के एक गरीब किसान परिवार में जन्मीं मेरी कॉम का शुरुआती जीवन काफी मुश्किलों से भरा था। उन्होंने ओपन स्कूलिंग से पढ़ाई की। बचपन से ही उनकी खेलों में रुचि थी। उन्हें मुक्केबाज डिंग्को सिंह से काफी प्रेरणा मिली। वर्ष 1999 में लड़कियों को बॉक्सिंग का एक मुकाबला करता देख उन्होंने मुक्केबाज बनने का फैसला किया।
जब वे मुक्केबाजी में आईं तो परिवार सहित कई लोगों ने विरोध किया। आखिरकार मेरी कॉम की मेहनत रंग लाई। आज वे कई लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। वर्ष 2000 में बॉक्सिंग करियर शुरू करने वाली मेरी कॉम ने कई बार देश का मान बढ़ाया। वर्ष 2008 के मुकाबले में उन्हें ‘मैग्नीफिशेंट मेरी कॉम’ के नाम से संबोधित किया गया। वर्ष 2005 में उन्होंने ओन्लर कॉम से शादी की। मेरी कॉम के जीवन पर 2014 में फिल्म ‘मेरी कॉम’ आई थी, जिसमें प्रियंका चोपड़ा ने मुख्य किरदार निभाया था।