‘अनाथों की माता’ सिंधुताई को अहिल्याबाई नारी शक्ति पुरस्कार

‘अनाथों की माता’ सिंधुताई को अहिल्याबाई नारी शक्ति पुरस्कार

ठाणे/वार्तामशहूर समाज सेविका और ’’अनाथों की माता’’ के नाम से विख्यात सिंधुताई सापकाल को मुरबाद स्थित प्रियजन गुना गौरव समिति की ओर से प्रथम महारानी अहिल्याबाई होल्कर नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।सुश्री सापकाल ने इस पुरस्कार को प्राप्त करने के बाद देश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए युवतियों से बदलाव की मुहिम चलाने की हुंकार भरने को कहा। उन्होंने कहा कि ल़डकियों को छे़डछा़ड जैसी घटनाओं को कतई सहन नहीं करना चाहिए और न ही किसी के दबाव में आकर कप़डे पहनने की अपनी आदत को बदलना चाहिए। उन्होंने इस पुरस्कार को अपने सभी सम्मानों में सबसे कीमती करार दिया। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि हमेशा से महिलाओं को कठिनाइयों का सामना करना प़डा है और कदम-कदम पर उन्हें अत्याचारों तथा पुरुष प्रधान समाज की ज्यादतियों को झेलना प़डा है। एक जमाने में पति की मौत के बाद जबरन महिलाओं को सती होने को मजबूर किया जाता था।इसी कार्यक्रम में दुर्गा पुरस्कार से सम्मानित मशहूर फिल्म अभिनेत्री और ’’ड्रीम गर्ल’’ हेमा मालिनी की ओर मुखातिब होकर सुश्री सापकाल ने कहा कि ल़डकियों को हेमा जी से सबक लेना चाहिए कि उन्होंने जिंदगी की चुनौतियों का किस मजबूती से सामना किया है। इस दौरान मुंबई विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डॉ. स्नेहलता देशमुुख तथा पायलट निशा मोर को भी सम्मानित किया गया।ये पुरस्कार पहली बार पीजीएस, साईबाबा ग्राम विकास प्रतिष्ठान और प्रियजन महिला बचत गत समिति की ओर से शुरू किए गए हैं।

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