खेती के लिए छोटे कर्ज पर ब्याज सहायता 31 मई तक बढ़ाई गई

खेती के लिए छोटे कर्ज पर ब्याज सहायता 31 मई तक बढ़ाई गई

सांकेतिक चित्र

नई दिल्ली/भाषा। कोविड-19 वायरस के प्रसार को थामने के लिए देश व्यापारी रोक के बीच किसानों को खेती के लिए सात प्रतिशत की रियायती दर पर तीन लाख रुपए तक के अल्पावधिक फसल ऋण की सुविधा जारी रहेगी। सरकार ने ऐसे कर्जों पर अपनी ओर से ब्याज सहायता 31 मई तक जारी रखने का फैसला किया है और इसके चलते समय से कर्ज चुकाने वालों को यह कर्ज चार प्रतिशत की ब्याज पर पड़ता है।

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एक बयान में, कृषि मंत्रालय ने कहा कि बैंकों द्वारा दिए गए 3 लाख रुपए तक के खेती के ऐसे ऋणों पर ब्याज सब्सिडी की समय सीमा बढ़ा दी गई है जिनके भुगतान का समय एक मार्च से 31 मई के बीच पड़ रहा है। इसमें कहा गया है कि लॉकडाउन के कारण लगाए गए प्रतिबंधों के कारण यह फैसला आया है क्योंकि कई किसान अपने ऋण के भुगतान के लिए बैंकों में नहीं जा पा रहे हैं।

इसमें कहा गया है कि इसके अलावा, समय पर बिक्री और अपनी उपज के भुगतान की प्राप्ति में कठिनाइयों के कारण, किसानों को उन ऋणों के इस अवधि के दौरान पुनर्भुगतान में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम के तहत, प्रति किसान को 3,00,000 रुपए तक के अल्पकालिक फसली ऋण के लिए दो प्रतिशत प्रतिवर्ष की ब्याज सहायता प्रदान किया जाता है, बशर्ते कि ऋण देने वाली संस्थाएं जमीनी स्तर पर किसानों को सात प्रतिशत पर अल्पकालिक ऋण उपलब्ध कराएं।

समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों के लिए एक प्रतिशत प्रतिवर्ष की अतिरिक्त ब्याज सहायता दी जाती है, इस प्रकार समय पर पुनर्भुगतान के लिए चार प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाता है।

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