येडियुरप्पा: भाजपा के अनुभवी नेता लेकिन अभी राजनीतिक विदाई का वक्त नहीं

येडियुरप्पा: भाजपा के अनुभवी नेता लेकिन अभी राजनीतिक विदाई का वक्त नहीं

येडियुरप्पा: भाजपा के अनुभवी नेता लेकिन अभी राजनीतिक विदाई का वक्त नहीं

वरिष्ठ भाजपा नेता बीएस येडियुरप्पा। फोटो स्रोत: ट्विटर अकाउंट।

बेंगलूरु/भाषा। ऐसा नहीं लगता है कि कर्नाटक में ‘वापसी करने वाले’ भाजपा नेता बीएस येडियुरप्पा के लिए अभी राजनीतिक पारी ‘समाप्त’ करने का वक्त आ गया है। बहरहाल, चार बार मुख्यमंत्री बनने के बावजूद येडियुरप्पा कभी भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।

Dakshin Bharat at Google News
यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि राज्य में दशकों से पार्टी का प्रमुख चेहरा रहे 78 वर्षीय लिंगायत नेता की राजनीतिक पारी समाप्त हो गई है। सरकारी लिपिक से हार्डवेयर स्टोर के मालिक और चार बार के मुख्यमंत्री येडियुरप्पा ने राजनीति की कठिर डगर को नापा है। दो वर्ष पहले कानूनी लड़ाई और हफ्तों चले राजनीतिक ड्रामे के बाद वह सत्ता में आए थे और वर्तमान कार्यकाल समाप्त होने के दो वर्ष के पहले ही उन्हें पद छोड़ना पड़ा है।

दक्षिण भारत में भाजपा की पहली सरकार बनाने के मुख्य कर्ताधर्ता येडियुरप्पा को प्रथमदृष्ट्या उम्र के कारण शीर्ष पद से हटना पड़ा। भाजपा में एक अलिखित नियम है कि 75 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को चुनाव की राजनीति से अलग कर दिया जाता है और आलाकमान ने भी 2023 में होने वाले चुनाव से पहले नये नेतृत्व के लिए रास्ता साफ किया है।

उनके पद से हटने के अन्य कारणों में पार्टी के अंदर असंतोष भी है और उनके कामकाज के कथित ‘अधिनायकवादी’ रवैये की शिकायत होती रही है। साथ ही प्रशासन में उनके छोटे बेटे और भाजपा उपाध्यक्ष बी वाई विजयेन्द्र के कथित हस्तक्षेप और भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं।

येडियुरप्पा नवंबर 2007 में पहले कार्यकाल में सात दिनों तक मुख्यमंत्री रहे, मई 2008 से तीन वर्ष दो महीने के लिए मुख्यमंत्री बने, मई 2018 में तीन दिनों के लिए वह मुख्यमंत्री बने और फिर 26 जुलाई 2019 से दो वर्षों तक मुख्यमंत्री का उनका चौथा कार्यकाल रहा।

आरएसएस के स्वयंसेवक रहे येडियुरप्पा आपातकाल के दौरान जेल गए, समाज कल्याण विकास विभाग में लिपिक के पद पर काम किया, शिकारीपुरा की चावल मिल में भी लिपिक रहे और फिर शिवमोगा में उन्होंने अपनी हार्डवेयर की दुकान खोल ली।

उनकी शादी मैत्रादेवी से पांच मार्च 1967 को हुई जो उस चावल मिल मालिक की बेटी थीं जहां येडियुरप्पा काम करते थे। येडियुरप्पा के दो बेटे और तीन बेटियां हैं। उनके बड़े बेटे बीवाई राघवेंद्र शिवमोगा लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download