मेंगलूरु/ दक्षिण भारतदक्षिण कन्ऩड क्षेत्र के इस जिले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने प़डोसी केरल में निपाह वायरस की चपेट में आने से हुई मौतों के बाद हाईअलर्ट जारी कर दिया है। उत्तरी केरल के कोझीकोड जिले में चमगाद़डों से फैलने वाले इस वायरस के संक्रमण से ११ लोगों के मारे जाने की खबर है। चूंकि मेंगलूरु से हर रोज केरल के विभिन्न इलाकों में आने-जाने वालों की संख्या काफी अधिक है, इसलिए स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्थानीय लोगों की स्वास्थ्य जांच करने के कई कदम उठाए हैं्। इसके लिए दक्षिण कन्ऩड जिले में अधिकारियों की कई टीमें भी गठित की गई हैं्। सूत्रों ने मंगलवार को यहां बताया कि अब तक इस घातक विषाणु से संक्रमित केरल का कोई व्यक्ति मेंगलूरु नहीं पहुंचा है और न ही अस्पतालों में इस विषाणु के संक्रमण का कोई मामला आया है। इसके बावजूद शहर के अस्पतालों में नियमित तौर पर केरल आने-जानेवालों ने कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं की शिकायत की है। यह लोग नियमित रूप से इलाज के लिए अस्पतालों का रुख कर रहे हैं्। जिला स्वास्थ्य विभाग ने इसके मद्देनजर हर प्रकार की जरूरी व्यवस्था कर रखी है। साथ ही सभी अस्पतालों से कहा गया है कि वह किसी भी संदिग्ध परिस्थिति पर करीबी नजर रखें और बीमारियां फैलने से पहले ही इन्हें रोकने के लिए जरूरी कदम उठाएं्। अधिकारियों ने बताया कि निपाह वायरस के संक्रमण का फिलहाल कोई विशिष्ट इलाज मौजूद नहीं है। जिला सर्वेक्षण अधिकारी डॉ. राजेश ने बताया कि इस विषाणु के संक्रमण सेे जूझने में मरीज की मदद के लिए इस समय एंटीवायरस दवाओं का प्रयोग किया जा रहा है। यह वही दवाएं हैं, जो जानलेवा एच१एन१ विषाणुओं के संक्रमण की हालत में दी जाती हैं्। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने आज एक आपात बैठक आयोजित की, जिसमें निपाह विषाणु के संक्रमण के इलाज के बारे में काफी विस्तृत चर्चा हुई। बताया जाता है कि निपाह वायरस का संक्रमण चमगाद़डों के साथ ही सूअरों के माध्यम से भी फैलता है। कुछ अन्य पालतू पशुओं के जरिए भी इन विषाणुओं का प्रसार हो सकता है। जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. रामकृृष्ण राव ने बताया कि अगर कहीं भी निपाह वायरस से संक्रमण के संकेत मिलते हैं तो मरीज के रक्त का नमूना तत्काल जांच के लिए एमसीईआर, मणिपाल भेजा जाएगा। स्वास्थ्य अधिकारियों ने यहां के लोगों को सलाह दी है कि वह पे़डों से गिरे फल खाने से बचें्। हो सकता है कि इन फलों के माध्यम से वह निपाह वायरस की चपेट में आ जाएं्। अगर कोई व्यक्ति चमगाद़डों के खाए हुए फल खा ले तो उसके निपाह वायरस के संक्रमण का शिकार होने की आशंका ब़ढ जाएगी।