अग्निवीरों की पैराशूट रेजिमेंट की पासिंग आउट परेड हुई
'ईमानदारी, वफादारी, बहादुरी' को अपनाने का आह्वान किया गया
इन सैनिकों को निर्दिष्ट विशेष बल इकाइयों में भेजा जाएगा
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों का चौथा बैच मंगलवार को बड़े गर्व और उत्साह के साथ पैराशूट रेजिमेंट में शामिल हुआ। लगातार बारिश के बावजूद अग्निवीर पासिंग आउट परेड योजना के अनुसार हुई।
प्रतिभागियों ने दृढ़ संकल्प और एकता की भावना प्रदर्शित करते हुए शानदार परेड प्रस्तुत की। इस तरह उन्होंने संदेश दिया कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, वे मिशन को पूरा करने के लिए हमेशा तैयार हैं।बता दें कि 462 अग्निवीरों की इस परेड के साथ 24 सप्ताह की गहन भर्ती प्रशिक्षण अवधि पूरी हो गई है। इन सैनिकों को निर्दिष्ट विशेष बल इकाइयों में भेजा जाएगा।
परेड का निरीक्षण कर्नाटक एवं केरल उप क्षेत्र मुख्यालय के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल वीटी मैथ्यू ने किया। जनरल ऑफिसर कमांडिंग ने अग्निवीरों को संबोधित किया। उन्होंने 'ईमानदारी, वफादारी, बहादुरी' के सिद्धांतों को अपनाने का आह्वान किया।
जनरल ऑफिसर ने सैनिकों के अनुशासन और ड्रिल की सराहना की। उन्होंने उनके माता-पिता को भी बधाई दी और राष्ट्र के प्रति उनके योगदान के लिए आभार जताया।
परेड की कमान ओडिशा के अग्निवीर सुब्रत कुमार नंदा ने संभाली। लोखंडे सिद्धेश संतोष ने समग्र सर्वश्रेष्ठ रिक्रूट के लिए गिल पदक जीता। इसी तरह शिवा तोमर ने सर्वश्रेष्ठ इंड्यूरेंस का पदक जीता। फायरिंग और हथियार प्रशिक्षण में सर्वश्रेष्ठ रहने के लिए घाडगे पदक मो. ज़ियाउर्रहमान को मिला।
वहीं, शारीरिक प्रशिक्षण में सर्वश्रेष्ठ रिक्रूट के लिए चीमा पदक संतोष कश्यप को तथा ड्रिल में सर्वश्रेष्ठ रिक्रूट के लिए छेत्री पदक सुब्रत कुमार नंदा को दिया गया।