हुब्बली दंगों से संबंधित मामले वापस लेने के फैसले पर क्या बोले कर्नाटक के गृह मंत्री?

वे फ्रीडम पार्क में भाजपा द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया दे रहे थे

हुब्बली दंगों से संबंधित मामले वापस लेने के फैसले पर क्या बोले कर्नाटक के गृह मंत्री?

Photo: DrGParameshwara FB Page

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने सोमवार को साल 2022 हुब्बली दंगों से संबंधित मामलों को वापस लेने के सरकार के फैसले का बचाव किया। उन्होंने दावा किया कि यहां तक ​​कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपने खिलाफ मामले वापस ले लिए थे।

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वे उत्तर कर्नाटक के हुब्बली शहर में 16 अप्रैल, 2022 को पुलिसकर्मियों पर पत्थरों से हमला करने वाली भीड़ के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को वापस लेने के सरकार के 10 अक्टूबर के कदम के खिलाफ यहां फ्रीडम पार्क में भाजपा द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह उन 43 मामलों में से एक है, जिन्हें राज्य मंत्रिमंडल ने अंजुमन-ए-इस्लाम द्वारा परमेश्वर को दी गई याचिका के बाद गुरुवार को अपनी बैठक में वापस लेने का फैसला किया।

परमेश्वर ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'मामला वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद हमें अदालत को सूचित करना होगा। अगर अदालत प्रस्ताव को स्वीकार करती है तो मामला वापस ले लिया जाएगा।'

उन्होंने कहा, 'अगर ऐसा नहीं होता है तो मामला वापस नहीं लिया जाएगा। हमें सभी प्रक्रियाओं का सावधानीपूर्वक पालन करना होगा। हम सिर्फ इसलिए खुद से मामला वापस नहीं ले सकते क्योंकि किसी ने ऐसा कहा है।'

उन्होंने दावा किया कि भाजपा नेताओं ने भी कर्नाटक और अन्य राज्यों में सत्ता में रहने के दौरान मामले वापस ले लिए थे।

मंत्री ने कहा, 'उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (आदित्यनाथ) के खिलाफ मामले थे। उन्होंने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए अपने खिलाफ मामले वापस ले लिए। बहुत सारे मामले वापस लिए गए।'

परमेश्वर ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, 'जब व्यवस्था ही ऐसी है तो आप किस पर आरोप लगा रहे हैं? हमने व्यवस्था के दायरे में रहकर ही काम किया है।' उन्होंने कहा कि लगभग 60 प्रस्ताव थे और सरकार ने 43 मामले वापस ले लिये।

परमेश्वर ने कहा, 'क्या उन मामलों में सिर्फ़ अल्पसंख्यक शामिल हैं? सभी लोग शामिल हैं - किसान, छात्र और आम नागरिक, जिन्होंने विभिन्न आंदोलनों में हिस्सा लिया। अगर सभी 43 मामले अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ थे तो मैं उनसे सहमत हूं। हम ऐसा नहीं कर सकते। हमें सभी को समान नज़रिए से देखना होगा।'

साल 2020 में डीजे हल्ली और केजी हल्ली दंगों से संबंधित मामलों को वापस लेने के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि सरकार उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद उनकी भी जांच करेगी।

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