उत्तर प्रदेश के अमन-चैन से कौन खेलना चाहता है?

कौन हैं जो उप्र की आबोहवा में दंगों, आगजनी और सांप्रदायिक तनाव का जहर घोल रहे हैं?

उत्तर प्रदेश के अमन-चैन से कौन खेलना चाहता है?

Photo: Google Map

मनोज कुमार अग्रवाल
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उत्तर प्रदेश के बहराइच में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान १३ अक्टूबर को दंगा आगजनी हुई हमलावरों ने जलूस में शामिल एक हिन्दू युवक की गोली मारकर हत्या कर दी|  इससे कुछ दिन पहले भी यूपी के कई और शहरों में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान विवाद के मामले सामने आए हैं| यह सभी वारदात एक ही पैटर्न पर है जिनमें बहराइच कुशीनगर गोंडा कौशांबी समेत कई जिलों में बहुसंख्यक हिन्दू समुदाय की आस्था से जुड़ी दुर्गा पूजा और मूर्ति विसर्जन के दौरान गड़बड़ी फैलाने और उत्पात मचाने का कुत्सित प्रयास किया गया है वह बताता है कि यूपी में भी कुछ जहरीली ताकतें मोजूद हैं जो यूपी को बांग्लादेश बनाने पर आमादा हैं| क्या यूपी में हिन्दू त्योहार मनाना दूसरे समुदाय की आंखों की किरकिरी बन गया है? आपको बता दें कि यूपी के बहराइच जिले के महराजगंज इलाके में रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के जुलूस के दौरान पत्थरबाजी, फायरिंग और आगजनी हुई| इस घटना में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें से एक की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. इस घटना के बाद पूरे इलाके में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई|

यूपी के कुशीनगर जिले में मां दुर्गा का प्रतिमा ले जाते समय पथराव की खबर सामने आई जिसमें कई लोग घायल हुए और मां दुर्गा का प्रतिमा भी छतिग्रस्त कर दिया गया. मामला कुशीनगर के पडरौना नगर पालिका अंतर्गत छावनी नगर का है जहां पर मौके पर पहुंची कई थानों की फोर्स ने मामले को काबू में किया| पुलिस ने १० लोगों को हिरासत में लिया और उनके खिलाफ केस दर्ज किया| श्रद्धालु पडरौना से मां दुर्गा का प्रतिमा लेकर अपने गांव गनेशी पट्टी और भिसवा लाला जा रहे थे इसी समय छावनी में कुछ लोगों ने छत और घरों से मां दुर्गा की प्रतिमा और श्रद्धालुओं पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए| लोग घायल हुए और प्रतिमा भी क्षतिग्रस्त हुई जिसके बाद दो पक्षों के बीच मारपीट होने लगी| हालांकि पुलिस ने मामला संभाला|  यूपी के कौशाम्बी जिले में १२ अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन के दौरान गुलाल उड़ाने को लेकर दो समुदायों आपस में भिड़ गए| मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के नारा गांव में घटना में हुई झड़प देखते ही देखते विवाद में तब्दील हो गई| दोनों पक्षों में जमकर मारपीट और पत्थरबाजी हुई. सूचना के बाद डीएम और एसपी कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे गए और मामले को काबू में किया| दरअसल, मूर्ति विसर्जन करने के लिए दुर्गा प्रतिमा लेकर निकले लोग गांव में भ्रमण कर रहे थे| इस दौरान कुछ लोगों पर इमामबाड़ा पर गुलाल उड़ाने का आरोप लगा| इसका विरोध करते हुए दूसरे समुदाय के लोगों ने हंगामा किया फिर दोनों पक्षों में हिंसक झड़प शुरू हो गई| कई लोग घायल हुए और फिर तोड़फोड़ और पत्थरबाजी भी हुई| मौके पर भारी पुलिस फोर्स भी तैनात करनी पड़ी|

इससे पहले गोंडा में दशहरा पर देर शाम गोंडा शहर के एक इलाके में हालात तनावपूर्ण हो गए| नगर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला बड़गांव में नूरामल मंदिर से आगे तकिया मस्जिद और घोसियाना मोहल्ले करीब पत्थरबाजी शुरू हो गई जिससे हालात बिल्कुल खराब हो गए| सूचना मिलते ही इलाके मौके पर पुलिस बल और पीएसी के जवानों तैनात किए गए| दरअसल, दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान मस्जिद के आसपास वाले दो और तीन मंजिला घरों से पत्थरबाजी करने का श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया और इसका विरोध किया इसके लिए प्रदर्शन और हो हल्ला शुरू कर दिया| कंट्रोल रूम से संदेश मिलते ही एसपी विनीत जायसवाल मौके पर खुद पहुंच गये और हालात को नियंत्रित करने की कोशिश की|

यहां आपको बता दें कि बीती २९ सितंबर को यति नरसिंहानंद द्वारा पैगंबर पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर शुरू हुआ विवाद अब तक थमा नहीं है. इसके विरोध में रविवार १३ अक्टूबर को महापंचायत का आयोजन किया गया जाना था पर प्रशासन ने अनुमति नहीं दी| महापंचायत को लेकर जुटे लोगों को पुलिस ने खदेड़ दिया. इस मामले को लेकर गाजियाबाद में तनावपूर्ण माहौल पैदा हो| डासना देवी मंदिर के पास बीते ४ अक्टूबर, शुक्रवार देर रात तो हालात ऐसे हो गए कि भीड़ इकट्ठी हो गई और पुलिस ने मौके से १५० से ज्यादा लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है| वेव सिटी थाने में डासना चौकी इंचार्ज  की शिकायत पर सुबह मुकदमा दर्ज कर लिया गया| गाजियाबाद के डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद के बयान का विवाद सहानपुर जा पहुंचा जहां पर मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा विरोध ज्ञापन देने के दौरान पुलिस पर पथराव का आरोप लगा और इस मामले में बड़ी कार्रवाई भी की गई| सहारनपुर के शेखपुरा कदीम गांव में हुई इस घटना को लेकर पुलिस द्वारा १३ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया| आरोप है कि पुलिस को निशाना बनाकर पथराव किया गया जिसमें कई पुलिस गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया| हमलावर भीड़ को काबू में करने की कोशिश करते रहे. पुलिस ने फिर हल्के बल प्रयोग से उन्हें खदेड़ दिया था| दरअसल यति के बयान को मुद्दा बनाकर समूचे यूपी को सांप्रदायिक हिंसा और आगजनी का माहौल बनाने की कोशिश की गई|

इस सबका ही नतीजा है कि षडयंत्र कारी प्रदेश में एक खास समुदाय की नफरत की भावना को भड़काने में कामयाब रहे और उसकी परिणति बहराइच में दुर्गा मूर्ति विसर्जन यात्रा पर हुई पत्थरबाजी व गोलीबारी के रूप में हुई| इस मे एक युवक रामगोपाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई| इस घटना के विरोध में भी प्रदर्शन हिंसक हो गया| पुलिस आंसू गैस और लाठीचार्ज करके प्रदर्शन को कंट्रोल करने का प्रयास कर रही है जिसका वीडियो सामने आया है| महसी के महाराजगंज इलाके में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान गोली लगने से एक व्यक्ति की मौत पर लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं| इलाके में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है|

बहराइच की घटना के दूसरे दिन १४ अक्टूबर सोमवार को भी बहराइच में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया| अस्पताल और दुकानों में आग लगा दी गई| बहराइच जिले के एक गांव में रविवार को हुई सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने एक शख्स के खिलाफ मामला दर्ज किया है| मामले में करीब ३० लोगों को हिरासत में लिया गया है| हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी|

इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद लापरवाही बरतने वाले हरदी थाने के प्रभारी और चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया गया है| मामला हरदी थाना इलाके के रेहुआ मंसूर गांव का है| मिली जानकारी के अनुसार यहां रविवार की शाम मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के लिए निकली थी| जुलूस जब महराजगंज बाजार में पहुंचा और लोग जयकारा लगाते हुए अब्दुल हमीद के घर के सामने से जा रहे थे| इसी दौरान अज्ञात लोगों ने मूर्तियों पर पथराव शुरू कर दिया| इतना ही नहीं पथराव के बीच में ही उपद्रवियों ने फायरिंग भी कर दी| इनमें रेहुआ मंसूर गांव के ही रहने वाले राम गोपाल मिश्रा (२२) पुत्र कैलाश नाथ को गोली लग गई, जबकि एक अन्य शख्स भी घायल हो गया| घटना में घायल हुए दोनों युवकों को जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन मेडिकल कॉलेज बहराइच में इलाज के दौरान एक की मौत हो गई| जब इसकी जानकारी महाराजगंज बाजार में पहुंची तो विसर्जन के लिए जा रहे लोगों ने वाहनों और घरों  में तोड़फोड़ कर आग लगा दी| खबर है, इसमें चार घर जल गए| हिंसा और आगजनी के बाद मूर्तियों के विसर्जन पर रोक लगा दी गई, लेकिन जब इलाके में पुलिस फोर्स तैनात हुई तो फिर विसर्जन शुरू कर दिया गया|

सारी वारदातों के पीछे कौन तत्व हैं जो यूपी की आबोहवा में दंगों आगजनी और सांप्रदायिक तनाव का जहर घोल रहे हैं? कमोबेश हर घटना को तूल देकर एक खास नेरेटिव गढ़ कर समुदाय विशेष को भड़काने एक ही पैटर्न पर पत्थरबाजी कराने के पीछे कोई गहरी साजिश तो नही है? या योगी बाबा के बुलडोजर पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद प्रदेश की सांप्रदायिक ताकतें एक खास षडयंत्र के तहत निर्भय होकर अराजकता और सांप्रदायिक हिंसा का वातावरण तैयार करने का प्रयास कर रहीं हैं| इन सब हालात ने योगी सरकार के सामने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए चुनौती बढ़ा दी हैं| क्या अब सूबे में हिन्दू समुदाय के हर जुलूस शोभायात्रा पर पत्थरबाजी कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जाएंगी| इसी माह दीपावली जैसा बड़ा त्योहार भी मनाया जाना है योगी सरकार को अराजक तत्वों के मंसूबों को पहचान कर समय रहते साजिशों को नाकाम करना होगा ताकि किसी को भी सूबे के अमन-चैन से खेलने की छूट न मिले|

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