पद्मपुर उपचुनाव: धामनगर में भाजपा की जीत के बाद अब क्या होगी बीजद की रणनीति?

पद्मपुर उपचुनाव: धामनगर में भाजपा की जीत के बाद अब क्या होगी बीजद की रणनीति?

पार्टी धामनगर में अपने अनुभव के आधार पर पद्मपुर विधानसभा उपचुनाव में राज्य के पश्चिमी क्षेत्र के नेताओं पर विश्वास करेगी


भुवनेश्वर/दक्षिण भारत/भाषा। ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) बारगढ़ जिले की पद्मपुर विधानसभा सीट पर पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए उम्मीदवार के चयन की अपनी रणनीति तथा मानदंड बदलने पर विचार कर रही है।

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राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी यह कदम ऐसे वक्त में उठा रही है जब हाल में संपन्न धामनगर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जीत दर्ज की है।

बीजद ने 2009 के बाद से सभी उपचुनाव जीते हैं लेकिन उसे भद्रक जिले में धामनगर उपचुनाव में भाजपा से हार का सामना करना पड़ा।

बीजद सूत्रों ने बताया कि पार्टी धामनगर में अपने अनुभव के आधार पर पद्मपुर विधानसभा उपचुनाव में राज्य के पश्चिमी क्षेत्र के नेताओं पर विश्वास करेगी।

पार्टी के एक नेता ने कहा कि भाजपा धामनगर के लोगों के बीच सफलापूर्वक ऐसी छवि बना पायी कि पड़ोसी जाजपुर जिले के नेता उपचुनाव के लिए फैसले ले रहे हैं जबकि स्थानीय नेताओं को नजरअंदाज किया गया है।

उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भावना को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने इस बार पद्मपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए पश्चिमी ओडिशा के वरिष्ठ नेताओं को कमान सौंपी है।

क्षेत्र के वरिष्ठ नेता प्रसन्न आचार्य पद्मपुर में चुनाव प्रचार अभियान और चुनावी प्रबंधन देखेंगे, जबकि पूर्व मंत्री सुशांत सिंह को भी उनके संगठनात्मक कौशल को देखते हुए बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी।

इसके अलावा तीन वरिष्ठ मंत्रियों को पद्मपुर विधानसभा क्षेत्र का एक-एक ब्लॉक आवंटित किया गया है। वित्त मंत्री निरंजन पुजारी पद्मपुर ब्लॉक जबकि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नव किशोर दास को पैकामल ब्लॉक तथा योजना मंत्री राजेंद्र ढोलकिया को झरीबांध ब्लॉक दिया गया है।

बीजद के पश्चिम ओडिशा से प्रमुख चेहरों जैसे कि महिला एवं बाल विकास मंत्री तुकुनी साहू, विधायक देबेश आचार्य, पूर्व मंत्री स्नेहांगिनी छुरिया, मंत्री रीता साहू, विधायक सरोज मेहर और पुष्पेंद्र सिंह देव को जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए प्रचार करने के लिए कहा गया है।

पद्मपुर में बीजद के मौजूदा विधायक बिजय रंजन सिंह बारिहा का तीन अक्टूबर 2022 को निधन होने के कारण उपचुनाव कराना पड़ रहा है।

बीजद के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए बारिहा की पत्नी तिलोत्तमा सिंह के अलावा कम से कम चार स्थानीय नेता दौड़ में हैं।
 

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