कोना-कोना जगमग

यह घरों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने वाली बहुत बड़ी योजना होगी, जिससे करोड़ों लोग लाभान्वित होंगे

कोना-कोना जगमग

भारत में सौर ऊर्जा को लेकर भरपूर संभावनाएं हैं

अयोध्या के भव्य मंदिर में श्रीरामलला की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘प्रधानमंत्री सूर्याेदय योजना’ की घोषणा एक क्रांतिकारी पहल है। इसके तहत एक करोड़ घरों की छतों (रूफटॉप) पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे! यह घरों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने वाली बहुत बड़ी योजना होगी, जिससे करोड़ों लोग लाभान्वित होंगे। साथ ही, आने वाले दशकों में ऊर्जा परिदृश्य पूरी तरह बदल जाएगा। अभी तक दूर-दराज के इलाकों में कनेक्शन लेना काफी चुनौतीपूर्ण और खर्चीला था। निस्संदेह बिजली आपूर्ति में सुधार हुआ है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती होती रहती है। वहीं, बिल जमा कराने, अगर कहीं त्रुटि हो तो दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ जाते हैं (ऑनलाइन व्यवस्था से इनमें भी सुधार हुआ है)। यह योजना लागू होने के बाद ये बातें अतीत का हिस्सा हो जाएंगी। इस योजना को लेकर धरातल पर ठीक तरह से काम हुआ तो भारत का कोना-कोना जगमग हो जाएगा। प्रभु श्रीराम जब लंका-विजय के बाद अयोध्या आए थे तो हर कहीं खुशियों के दीप जगमगाए थे। 22 जनवरी को उनकी प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद भी दीपावली मनाई गई। अब ज़रूरत इस बात की है कि यह उजाला हर घर तक पहुंचे और इस तरह पहुंचे कि ‘रोशनी का राज’ हमेशा कायम रहे .. अंधेरों, अभावों का खात्मा हो जाए। हाल के वर्षों में सौर ऊर्जा के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। इसका महत्त्व सबको समझ में आ रहा है। बस, सरकार की ओर से संबल दिए जाने की ज़रूरत थी, जिसका वादा प्रधानमंत्री ने कर दिया है। यह भी अद्भुत संयोग है कि सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की इस योजना की घोषणा सूर्यवंशी भगवान श्रीराम के अपने मंदिर में विधि-विधानपूर्वक विराजमान होते ही की गई!

Dakshin Bharat at Google News
भारत में सौर ऊर्जा को लेकर भरपूर संभावनाएं हैं। यहां अधिकांश भू-भाग पर साल के ज्यादातर महीनों में खूब धूप होती है। वहीं, ज्यादातर घरों की छतें खाली होती हैं या उन पर ऐसा सामान रखा होता है, जिसका रोज़ाना इस्तेमाल नहीं किया जाता। इन दोनों बिंदुओं को सौर ऊर्जा से जोड़ दें तो हमारी ऊर्जा संबंधी ज़रूरतों का बहुत बड़ा हिस्सा आसानी से पूरा हो सकता है। जिन घरों में बिजली की ज्यादा खपत होती है, वहां उसके अनुपात में ज्यादा सोलर पैनल लगाए जा सकते हैं। इस योजना का ग्रामीण क्षेत्रों को बहुत फायदा मिलेगा। किसानों के लिए खेती की रखवाली करना आसान हो जाएगा। उनके बच्चे रात को पढ़ाई कर सकेंगे। जो लोग कोई लघु उद्योग लगाना चाहेंगे, उनके लिए भी आसानी होगी। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली ऐसी प्रतिभाएं, जिनका काम मुख्यतः मोबाइल फोन और लैपटॉप पर आधारित है, उनके लिए तो यह योजना वरदान सिद्ध हो सकती है। वे कमरे में, घर की छत पर, खेत में या अपनी सुविधानुसार कहीं भी बैठकर काम कर सकेंगे। उन्हें बैट्री चार्ज करने के लिए बिजली पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। न ही (किसी कारण से) बिजली कटौती होने पर उनका काम रुकेगा। भारत के संबंध में दशकों से यह धारणा रही है कि यहां तो धूप और गर्मी है, जबकि पश्चिमी देशों में मज़े हैं, क्योंकि वहां ठंडा मौसम है, धूप के महीने बहुत कम हैं! अब यही धूप और गर्मी हमारी बहुत बड़ी शक्तियां बनने वाली हैं। अगर भारतवासी अपनी शक्ति व सामर्थ्य का विवेकपूर्ण ढंग से उपयोग कर लें तो न केवल ऊर्जा ज़रूरतों के लिए आत्मनिर्भर हो सकते हैं, बल्कि पड़ोसी मित्र देशों की ज़रूरतें भी पूरी कर सकते हैं। भारत स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व कर सकता है। इसी तरह, घरों की छतों और दीवारों पर खेती को प्रोत्साहन दिया जा सकता है। कई लोगों को इस बात पर आश्चर्य हो सकता है, लेकिन आज ऐसी खेती हो रही है। इज़राइल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। घरों की छतों और दीवारों पर आलू, टमाटर, पालक, मटर, लौकी, भिंडी जैसी सब्जियां आसानी से उगाई जा सकती हैं। इससे खाली जगह का बेहतरीन इस्तेमाल होगा। साथ ही, रसोई के बजट में मदद मिलेगी।

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download