राहुल गांधी के गोद लिए गांव को पांच साल बाद उनके आने का इंतजार

राहुल गांधी के गोद लिए गांव को पांच साल बाद उनके आने का इंतजार

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी

जगदीशपुर (अमेठी)/भाषा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ के तहत अमेठी के जगदीशपुर गांव को गोद लिया था और आज पांच साल बाद यहां के ग्रामीणों का कहना है कि वे कांग्रेस अध्यक्ष के आगमन का और विकास कार्य शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।

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राहुल गांधी पिछली बार दिसंबर 2014 में जगदीशपुर आए थे तब उन्होंने गांव को गोद लिया था। गांव में रहने वाले केसरी नंदन ने कहा, राहुल गांधी केवल 2014 में एक बार आए थे। उस समय हर पेड़, खंभा और सड़क मापे गए थे, मानो विकास कार्य होंगे। लेकिन तब से कुछ नहीं हुआ।

सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत संसद सदस्यों को अपने संसदीय क्षेत्र में एक गांव गोद लेकर उसका आदर्श ग्राम की तरह विकास करना था। इस गांव में गड्ढेदार सड़कें हैं, पाइप से पानी की आपूर्ति का कोई प्रावधान नहीं है। स्वास्थ्य योजनाएं भी न के बराबर हैं।

राहुल गांधी के फिर आने का इंतजार करने की बात करने वाले ग्राम प्रधान जितेंद्र यादव हाल ही में भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले कांग्रेस नेतृत्व द्वारा अलग-थलग किए जाने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी।

उन्होंने पीटीआई से कहा, हमारा गांव दशकों तक गांधी परिवार के साथ खड़ा रहा। हमने यहां से राहुल गांधी को बार-बार जिताने में बड़ी भूमिका निभाई है, लेकिन जब हम एक सामुदायिक केंद्र की मांग के साथ उनसे मिलने गए तो उन्होंने हमारे साथ 30 सेकंड भी नहीं गुजारे। हमारे अनुरोध को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

यादव के अनुसार हताश होकर उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। उन्होंने कहा, अगर हमारे सांसद एक गांव के लोगों की बात नहीं सुन सकते, वह पूरे समाज के लोगों की बात कैसे सुनेंगे? वह कांग्रेस अध्यक्ष हो सकते हैं लेकिन वह जनता के अध्यक्ष नहीं हुए हैं।

यादव ने आरोप लगाया कि गांधी ‘राजा’ की तरह काम करते हैं लेकिन लोग अब उन्हें इस तरह नहीं लेंगे। गांव के कई नागरिकों का मानना है कि कांग्रेस अध्यक्ष यहां सांसद के नाते बहुत कुछ कर सकते थे।

ग्रामीणों ने बताया कि गांव वालों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए हाल ही में एक पानी की टंकी आवंटित की गई थी लेकिन नलों में अभी तक पानी नहीं आया है।

गृहिणी प्रेमा के अनुसार, राहुल गांधी को हमारे लिए कुछ करना चाहिए था। हमें उनसे बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन उन्होंने अपनी सांसद निधि में से यहां कुछ भी खर्च नहीं किया। जंगली जानवर हमारी फसलों को बर्बाद कर रहे हैं लेकिन हमारी मदद के लिए कोई नहीं है।

गांधी से नाराजगी जताते हुए कई गांव वाले अमेठी से भाजपा उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पास मदद की आस लेकर आ रहे हैं। गांव के बुजुर्ग वीरेंद्र शंकर मिश्रा ने बताया कि स्मृति 2014 के लोकसभा चुनावों में हारने के बाद भी जगदीशपुर आती रहीं।

उन्होंने कहा, जब राहुल गांधी ने 2014 में अमेठी से जीतने के बाद भी अपने गोद लिए गांव को छोड़ दिया तब स्मृति ईरानी हमारे पास आती रहीं। पिछली बार जब राहुल गांधी की जीत का अंतर कम हो गया तो यह उनके लिए चेतावनी थी लेकिन स्पष्ट है कि उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।

गांव वालों ने कहा कि उन्हें भाजपा की उज्ज्वला योजना जैसे कार्यक्रमों से फायदा हुआ है। हालांकि कांग्रेस की अमेठी इकाई के अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने राहुल गांधी के बचाव में आते हुए कहा कि सरकार ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के लिए अलग से धन नहीं दिया था।

उन्होंने कहा, सरकार को इसके लिए अलग से धन देना चाहिए था और राहुलजी ने यह बात पहले ही दिन कही थी। कोई सांसद अपनी सांसद निधि का सारा धन केवल एक गांव पर कैसे खर्च कर सकता है और क्षेत्र के दूसरे गांवों को कैसे छोड़ सकता है? कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली अमेठी सीट पर छह मई को मतदान होगा। राहुल गांधी चौथी बार यहां से लोकसभा पहुंचने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

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