ईवीएम पर विपक्ष के हंगामे के बाद अमित शाह ने दागे ये 6 सवाल

ईवीएम पर विपक्ष के हंगामे के बाद अमित शाह ने दागे ये 6 सवाल

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। लोकसभा चुनाव नतीजे आने से पहले ही विपक्ष ने ईवीएम को मुद्दा बना दिया है। कई नेताओं ने विवादित बयान भी दिए हैं। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सोशल मीडिया के जरिए विपक्षी दलों से छह सवाल पूछे हैं।

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शाह ने कहा है कि ईवीएम की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाने वाली इन अधिकांश विपक्षी पार्टियों ने कभी न कभी ईवीएम द्वारा हुए चुनावों में विजय प्राप्त की है। यदि उन्हें ईवीएम पर विश्वास नहीं है तो इन दलों ने चुनाव जीतने पर सत्ता के सूत्र को क्यों सम्भाला?

शाह ने दूसरा सवाल दागते हुए कहा ​है कि देश की सर्वोच्च अदालत ने तीन से ज्यादा पीआईएल का संज्ञान लेने के बाद चुनावी प्रक्रिया को अंतिम स्वरूप दिया है, जिसमें हर विधानसभा क्षेत्र में पांच वीवीपैट को गिनने का आदेश दिया है। तो क्या आप लोग सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर भी प्रश्नचिह्न लगा रहे हैं?

शाह ने कहा है कि मतगणना के सिर्फ दो दिन पूर्व 22 विपक्षी दलों द्वारा चुनावी प्रक्रिया में परिवर्तन की मांग पूर्णतः असंवैधानिक है क्योंकि इस तरह का कोई भी निर्णय सभी दलों की सर्वसम्मति के बिना संभव नहीं है।

चौथा सवाल पूछते हुए शाह ने कहा कि विपक्ष ने ईवीएम के विषय पर हंगामा छह चरणों का मतदान समाप्त होने के बाद शुरू किया। एग्जिट पोल के बाद यह और तीव्र हो गया। एग्जिट पोल ईवीएम के आधार पर नहीं बल्कि मतदाता से प्रश्न पूछ कर किया जाता है। अतः एग्जिट पोल के आधार पर आप ईवीएम की विश्वसनीयता पर कैसे प्रश्न उठा सकते हैं?

शाह ने पांचवां सवाल पूछते हुए कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी के विषय पर प्रोएक्टिव कदम उठाते हुए चुनाव आयोग ने सार्वजनिक रूप से चुनौती देकर इसके प्रदर्शन का आमंत्रण दिया था, परंतु उस चुनौती को किसी भी विपक्षी दल ने स्वीकार नहीं किया।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इसके बाद चुनाव आयोग ने ईवीएम को वीवीपैट से जोड़ कर चुनावी प्रक्रिया को और पारदर्शी किया। वीवीपैट प्रक्रिया के आने के बाद मतदाता मत देने के बाद देख सकता है कि उसका मत किस पार्टी को रजिस्टर हुआ। प्रक्रिया के इतने पारदर्शी होने के बाद इस पर प्रश्न उठाना कितना उचित है?

शाह ने छठे सवाल के तहत कहा कि कुछ विपक्षी दल चुनाव परिणाम अनुकूल न आने पर ‘हथियार उठाने’ और ‘खून की नदियां बहाने’ जैसे आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं। विपक्ष बताए कि ऐसे हिंसात्मक और अलोकतांत्रिक बयान के द्वारा वह किसे चुनौती दे रहा है?

उन्होंने कहा कि ईवीएम पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे प्रश्न सिर्फ भ्रांति फैलाने का प्रयास है, जिससे प्रभावित हुए बिना हम सबको हमारे प्रजातांत्रिक संस्थानों को और मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए।

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