हरियाणा में गोपाल कांडा का समर्थन नहीं लेगी भाजपा: रविशंकर प्रसाद

हरियाणा में गोपाल कांडा का समर्थन नहीं लेगी भाजपा: रविशंकर प्रसाद

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद

चंडीगढ़/भाषा। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को यहां बताया कि भाजपा हरियाणा में सरकार बनाने के लिए हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा का समर्थन नहीं लेगी। विवादित नेता कांडा आत्महत्या के लिए उकसाने के दो मामलों का सामना कर रहे हैं।

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उन्होंने यहां पत्रकारों को बताया, मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि भाजपा कांडा का समर्थन नहीं लेने जा रही है।कांडा ने शुक्रवार को कहा था कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को बिना शर्त समर्थन देने का फैसला किया है।

कांडा द्वारा भाजपा को समर्थन की पेशकश करने के बाद से पार्टी कांग्रेस के निशाने पर है।कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि भाजपा दोमुंही बात करती है।

उन्होंने दिल्ली में कहा, मुझे लगता है कि (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी और (केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा प्रमुख) अमित शाह के उन बयानों को आपको देखना चाहिए जब गोपाल कांडा हरियाणा में मंत्री थे और उनके खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद हमने उन्हें इस्तीफे के लिए मजबूर किया तथा उन्हें मंत्री पद से भी हटा दिया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने ट्वीट कर पार्टी को आगाह किया और कहा कि हरियाण में सरकार के गठन के लिए कांडा का समर्थन लेने से मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की साफ छवि को नुकसान पहुंच सकता है।

हरियाणा के त्रिशंकु विधानसभा में 40 सीटें जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है, जबकि कांग्रेस को 31 सीटें मिली हैं। दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जजपा) के पास 10 विधायक हैं और इनेलो के पास एक विधायक है।

सिरसा से विधायक कांडा को एक एयरहोस्टेस को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में 2012 में गिरफ्तार किया गया था। यह एयरहोस्टेस उनकी तत्कालीन विमानन कंपनी में काम करती थी, जो अब बंद हो चुकी है।

इससे पहले भी उनके खिलाफ बलात्कार के आरोप में मामला दर्ज किया गया था लेकिन 2014 में आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें जमानत दिए जाने के बाद ये आरोप हटा लिए गए थे।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में कांडा हरियाणा के गृह मंत्री थे। उनके पास शहरी, उद्योग और वाणिज्य मामलों के विभाग का भी प्रभार था।

कांडा की एमडीएलआर एयरलाइंस में काम कर चुकी गीतिका शर्मा पांच अगस्त, 2012 को उत्तर पश्चिमी दिल्ली में अशोक विहार स्थित अपने घर में मृत पाई गई थीं।

अपने सुसाइड नोट में उन्होंने कहा था कि कांडा और उसके कर्मचारियों के ‘उत्पीड़न’ से तंग आकर वह आत्महत्या कर रही हैं। बहरहाल कांडा ने इन आरोपों से इनकार किया है।

मामले में दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया, जिसमें अभी वह जमानत पर चल रहे हैं। इसके छह महीने बाद शर्मा की मां ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली और एक बार फिर कांडा पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा।

विवाद पैदा होने पर कांडा ने अपना इस्तीफा दे दिया। तब हरियाणा में विपक्ष में रही भाजपा ने विवादित नेता के खिलाफ प्रदर्शन किया था और उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी।

कांडा इससे पहले इनेलो से संबद्ध थे। पार्टी से टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने 2009 में हरियाणा विधानसभा का चुनाव निर्दलीय के तौर पर लड़ा और जीत गए। बाद में बहुमत कम होने पर उन्होंने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया और मंत्री बने।

कांडा ने किस तरह तरक्की की यह उनके गृहनगर सिरसा में सभी जानते हैं, जहां कभी वह जूते की दुकान के मालिक थे। बाद में वे रीयल इस्टेट के कारोबार में शामिल हुए और विमानन सेक्टर में अपनी दिलचस्पी दिखाई।

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