कर्नाटक के मतदाताओं ने अवसरवादी राजनीति को खारिज किया: फडणवीस

कर्नाटक के मतदाताओं ने अवसरवादी राजनीति को खारिज किया: फडणवीस

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

मुंबई/भाषा। भाजपा नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कर्नाटक विधानसभा उपचुनाव के परिणामों का स्वागत किया जिसमें उनकी पार्टी ने जबर्दस्त जीत दर्ज की है और कहा कि परिणाम ‘अवसरवादी राजनीति’ पर मतदाताओं की प्रतिक्रिया को दिखाता है।

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कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ था जिसमें से सत्तारूढ़ भाजपा ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की और कर्नाटक विधानसभा में पर्याप्त बहुमत हासिल कर लिया।

फडणवीस ने कहा कि पार्टियों ने उन दलों को खारिज किया जिन्होंने सत्ता की खातिर जनादेश ‘चुराया।’ फडणवीस का इशारा परोक्ष रूप से भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए कांग्रेस और जद (एस) के हाथ मिलाने की ओर था। साल 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा अकेली सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी।

फडणवीस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से जारी एक बयान में कहा कि मतदाताओं को जो पहला मौका मिला उसमें उन्होंने अवसरवादी राजनीति और खारिज की गई पार्टियों द्वारा सत्ता के लिए एकजुट होकर जनादेश की चोरी करने पर इस तरह से प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक उपचुनाव परिणाम यह साबित करता है कि यदि कोई जनादेश और इच्छा से खेलने का प्रयास करेगा तो लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा को उपचुनाव में भाजपा के शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी।

उन्होंने कहा, भाजपा, कर्नाटक भाजपा कार्यकर्ताओं, माननीय नरेंद्र मोदीजी, माननीय अमित शाहजी और येडियुरप्पाजी को बधाई।

कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव पांच दिसम्बर को हुए थे और परिणाम सोमवार को घोषित हुए। कांग्रेस के पास इसमें से 12 सीटें थीं लेकिन वह इसमें से मात्र दो पर जीत दर्ज कर पाई। वहीं, जद (एस) को एक भी सीट नहीं मिली। एक निर्दलीय उम्मीदवार ने भी जीत दर्ज की।

महाराष्ट्र में भाजपा और उसकी सहयोगी शिवसेना ने 21 अक्टूबर को राज्य विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था लेकिन शिवसेना मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर मतभेद के चलते गठबंधन से अलग हो गई।

उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना ने बाद में कांग्रेस और राकांपा के साथ हाथ मिलाकर राज्य में महा विकास आघाडी सरकार बनाई। भाजपा महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा में 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी।

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