औरंगाबाद/एजेन्सीमहाराष्ट्र के औरंगाबाद से मराठा आरक्षण को लेकर शुरू हुए प्रदर्शन की आग धीरे-धीरे मुंबई की ओर ब़ढ रही है। मराठा क्रांति समाज ने बुधवार को ठाणे, नवी मुंबई और रायग़ढ में बंद का ऐलान किया है। संगठन के मुताबिक, इस बंद में स्कूल और कॉलेजों को शामिल नहीं किया गया है। मंगलवार को कुछ जगहों मराठा आरक्षण को लेकर हिंसक प्रदर्शन हुए। दरअसल, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ७२ हजार सरकारी नौकरियों की भर्ती में मराठों के लिए १६ प्रतिशत पद आरक्षित रखने का फैसला किया है लेकिन इससे भी आंदोलन की आग शांत नहीं हो रही है। २०१९ के लोकसभा चुनाव में साल भर से भी कम वक्त है। इसके अलावा २०१९ में ही राज्य में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में मराठा आंदोलन फडणवीस सरकार और बीजेपी के लिए ब़डी चुनौती बन चुका है। इसी को मराठों के विरोध-प्रदर्शनों को हवा मिलने का सबब माना जा रहा है। मराठा समुदाय ने राज्य सरकार से तब तक कोई भर्ती नहीं करने की मांग की है, जब तक वह नौकरियों में उन्हें आरक्षण देने की उनकी मांग पर कोई कदम नहीं उठा लेती प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को सायन-पनवेल हाइवे पर कामोठे के पास टायर जलाकर रास्ता जाम कर दिया। इस बारे में सूचना मिलते ही नवी मुंबई पुलिस मौके पर पहुंच गई। औरंगाबाद-पुणे मार्ग भी बंद है। यहां मराठा क्रांति मोर्चा समन्वय समिति के सदस्य विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। औरंगाबाद में सरकारी बसों की सेवा मंगलवार को बंद है। फिलहाल महाराष्ट्र सरकार में भागीदार लेकिन बीजेपी के खिलाफ नजर आ रही शिवसेना ने भी मराठा आरक्षण का समर्थन किया है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिवसेना के वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई ने कहा, ’’मराठा आरक्षण में बहुत देरी हो चुकी है। कोर्ट इसपर क्या प्रतिक्रिया देता है, इसे ध्यान में रखना होगा। शिवसेना मराठा आरक्षण का समर्थन कर रही है। जिन लोगों ने आरक्षण का वादा किया था, उन्हें इस मसले को हल करने के लिए सामने आना चाहिए।’’