मोदी-शी की मुलाकात से पहले चीनी राजदूत ने कहा- दोनों देश एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं

मोदी-शी की मुलाकात से पहले चीनी राजदूत ने कहा- दोनों देश एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं

चीनी राजदूत सुन वीदोंग

मामल्लापुरम/भाषा। समुद्र किनारे बसे इस प्राचीन शहर में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भव्य स्वागत की तैयारियां हो रही हैं। वहीं चीन ने कहा है कि दोनों देश एक दूसरे के लिए किसी तरह का खतरा नहीं हैं तथा दोनों एशियाई देशों के बीच वृहद सहयोग से क्षेत्र में और इससे परे शांति और स्थिरता लाने में सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी।

Dakshin Bharat at Google News
चीनी राजदूत सुन वीदोंग ने ण्क विशेष साक्षात्कार में कहा कि शुक्रवार से शुरू हो रही दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर वार्ता से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विकास की दिशा पर दिशानिर्देशक सिद्धांत समेत नई आम-सहमतियां उभर सकती हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देश, चीन और भारत की इस जटिल दुनिया में सकारात्मक ऊर्जा भरने की जिम्मेदारी है।

सुन ने कहा, हमारा विश्वास है कि शिखर वार्ता द्विपक्षीय संबंधों को उच्च स्तर पर ले जाएगी और क्षेत्रीय तथा वैश्विक शांति, स्थिरता एवं विकास पर इसका बड़ा और सकारात्मक असर पड़ेगा। शी करीब 24 घंटे की यात्रा के लिए शुक्रवार को चेन्नई पहुचेंगे। वे ऐसे समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनौपचारिक वार्ता करने वाले हैं जब कश्मीर के मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच असहज स्थिति पैदा हो गई थी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को बीजिंग में चिनफिंग के साथ बातचीत में इस मुद्दे को उठाया था।

सुन ने कहा, दोनों देश एक दूसरे को खतरा नहीं पहुंचाते बल्कि एक दूसरे के लिए विकास के अवसर मुहैया कराते हैं। चीन और भारत के बीच सहयोग न केवल एक दूसरे के विकास में योगदान देगा, बल्कि वैश्विक बहु-ध्रुवीकरण तथा आर्थिक वैश्वीकरण की प्रक्रिया को भी बढ़ाएगा तथा विकासशील देशों के साझा हितों की सुरक्षा करेगा।

चीनी राजदूत ने कहा कि दोनों नेता अंतरराष्ट्रीय हालात पर तथा चीन और भारत के बीच संबंधों के विकास से संबंधित समग्र, दीर्घकालिक एवं रणनीतिक मुद्दों पर गहराई से विचार-विमर्श भी करेंगे। सुन ने कहा, आम-सहमतियों का नया ढांचा उभर सकता है जिसमें अंतरराष्ट्रीय प्रणाली के बदलाव के लिए साझा दृष्टिकोण, क्षेत्रीय मामलों में चीन और भारत की साझा जिम्मेदारी एवं भूमिका तथा द्विपक्षीय संबंधों एवं अनेक क्षेत्रों में सहयोग के विकास की दिशा पर दिशानिर्देशक सिद्धांत शामिल हैं।

राजदूत ने कहा कि भारत और चीन के बीच गहन सहयोग से विकासशील देशों को लाभ मिलेगा तथा एकपक्षवाद एवं संरक्षणवाद जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटा जा सकेगा। उन्होंने कहा, एकपक्षवाद, संरक्षणवाद और व्यापार में प्रभुत्व जमाने का चलन बढ़ता जा रहा है। मानव समाज के सामने साझा चुनौतियां और खतरों में बढ़ोतरी हुई है।

शी और इमरान खान की बातचीत के बाद बुधवार को जारी संयुक्त बयान में कहा गया था कि चीन घाटी में हालात पर करीब से नजर रख रहा है। इसके बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में फिर से असहज स्थिति पैदा हो गयी थी। बयान में कहा गया कि कश्मीर का मुद्दा इतिहास से विवाद में चला आ रहा है और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुसार इसका उचित और शांतिपूर्ण समाधान निकाला जाना चाहिए।

शी-खान की मुलाकात के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत की सतत और स्पष्ट स्थिति रही है कि जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न हिस्सा है और चीन इस संबंध में नई दिल्ली के रुख से भलीभांति वाकिफ है। संपूर्ण चीन-भारत संबंधों के संदर्भ में चीनी राजदूत ने खासतौर पर निवेश और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग की बात कही। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में नए सिरे से प्रगति हुई है।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download