बेंगलूरु/दक्षिण भारतमुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने मंगलवार को दृ़ढ विश्वास जताते हुए कहा कि कर्नाटक हमेशा और हर कीमत पर एकीकृत रहेगा। इसके टुक़डे किए जाने की बात कल्पनातीत है। वह उत्तर कर्नाटक के १३ जिलों को कर्नाटक से अलग राज्य का दर्जा देने की मांग पर २ अगस्त को समूचे क्षेत्र में बंद का आह्वान करनेवाले छात्र, किसान और अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ हुई मुलाकात के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इन संगठनों को नाराजगी इस बात से है कि राज्य की किसी भी सरकार ने इस क्षेत्र में विकास परियोजनाओं को उचित तरीके से लागू करने पर ध्यान नहीं दिया, जिससे हमेशा क्षेत्रवासियों को अपने हितों की अनदेखी किए जाने का अहसास सताता रहा है। वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने दक्षिणी, तटवर्ती या उत्तरी कर्नाटक के साथ कभी भेदभाव भरा व्यवहार नहीं किया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह अपने पूरे कार्यकाल के दौरान पूरे राज्य के हरेक क्षेत्र के संपूर्ण विकास के लिए प्रयासरत रहेंगे। उल्लेखनीय है कि चन्नपटना में जनता दल (एस) कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कुमारस्वामी ने एक बयान दिया था, जिसका लब्बोलुआब यह निकाला गया था कि मुख्यमंत्री उत्तर कर्नाटक के लोगों के प्रति सौतेला मनोभाव रखते हैं। उनके बयान का संकेत यह गया था कि चूंकि उत्तरी कर्नाटक के जिलों के मतदाताओं ने विधानसभा चुनाव में जनता दल (एस) का समर्थन नहीं किया था, इसलिए मुख्यमंत्री इसकी अनदेखी कर अपना सारा ध्यान पुराने मैसूरु क्षेत्र पर केंद्रित करना चाहते हैं, जहां से उनकी पार्टी को अच्छा-खासा जनसमर्थन मिला था। इससे उत्तरी कर्नाटक के जिलों में रहने वालों की भावनाओं को काफी ठेस पहुंची थी। उन्होंने इस क्षेत्र के सभी जिलों को मिलाकर अलग कर्नाटक राज्य के गठन की मांग पर २ अगस्त को उत्तर कर्नाटक बंद का आह्वान किया है। बंद का आह्वान करने वाले संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ आज यहां हुई मुलाकात के बाद कुमारस्वामी ने कहा कि प्रतिनिधियों को यह आश्वासन दिया गया है कि उत्तरी कर्नाटक के विकास की अनदेखी किसी भी हालत में नहीं की जाएगी। इस क्षेत्र का विकास सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार इलाके के लोगों के साथ दृ़ढता के साथ खडी रहेगी। उन्होंने कहा कि जिस बयान की वजह से उत्तर कर्नाटक के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं, वह मीडिया के छे़डछा़ड का नतीजा था। उन्होंने ध्यान दिलाया कि उत्तर कर्नाटक के बेलगावी जिले को राज्य की दूसरी राजधानी के रूप में अलग पहचान दिलाने के लिए वहां सुवर्ण विधानसौधा के निर्माण की योजना के पीछे उनका (मौजूदा मुख्यमंत्री कुमारस्वामी का) ही हाथ था। इस क्षेत्र के विकास के लिए कई विकास परियोजनाओं को लागू करने के लिए मौजूदा राज्य सरकार ने बजट में ५०० करो़ड रुपए का फंड आवंटित करने की घोषणा की है। कुमारस्वामी ने कहा, ’’समूचे उत्तर कर्नाटक में इस राशि से बेहतर ढांचागत सुविधाएं विकसित की जाएंगी। वहां औद्योगिक ढांचा भी तैयार किया जाएगा। वर्ष २००६ में जब मैं २० महीने के लिए मुख्यमंत्री बना था तो उस समय उत्तर कर्नाटक के विभिन्न जिलों के गांवों में मेरे द्वारा रात बिताए जाने की बात लोगों को अब भी याद है।’’मुख्यमंत्री ने बागी तेवर अख्तियार करने वाले संगठनों के प्रतिनिधियों को बातचीत के दौरान इस तथ्य की भी याद दिलाई कि कर्नाटक को एकीकृत बनाए रखने का संघर्ष उत्तर कर्नाटक के जिलों से जन्मा था। इस संघर्ष में अपना सब कुछ बलिदान कर देने वाले उत्तर कर्नाटक के जन नेताओं को आज भी समूचे राज्य के लोग अपने हीरो की तरह याद करते हैं, उनके प्रति अपनी कृतज्ञता जताते हैं। उन्होंने कहा, ’’इस हालत में मैं किसी एक क्षेत्र के प्रति पक्षपात करने के बारे में सपने में भी नहीं सोच सकता।’’