मप्र: सरकारी अस्पताल में मृतक के चेहरे पर रेंगती रहीं चींटियां, सिविल सर्जन सहित पांच निलंबित

मप्र: सरकारी अस्पताल में मृतक के चेहरे पर रेंगती रहीं चींटियां, सिविल सर्जन सहित पांच निलंबित

सांकेतिक चित्र

शिवपुरी/भाषा। मध्य प्रदेश में शिवपुरी के जिला अस्पताल के मेडिकल वार्ड में दो दिन से भर्ती मरीज बालचंद्र लोधी (50) की मंगलवार सुबह मौत हो जाने के बाद उसका शव पांच घंटे तक वार्ड के पलंग पर पड़ा रहा और उसके चेहरे पर चींटियां रेंगती रहीं।

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इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रदेश सरकार ने लापरवाही बरतने के आरोप में बुधवार को सिविल सर्जन सहित पांच मेडिकल कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

शिवपुरी जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एएल शर्मा ने बताया, ‘शव पर चींटियाँ चलने वाली घटना की हमने प्रारंभिक जांच की और उसके आधार पर, लापरवाही बरतने के आरोप में एक सिविल सर्जन सहित पांच मेडिकल कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘सिविल सर्जन पीके खरे, ड्यूटी डॉक्टर दिनेश राजपूत एवं तीन नर्सों को अपने काम में लापरवाही बरतने के लिए निलंबित किया गया है।’ शर्मा ने हालांकि जांच के बारे में अन्य ब्योरा देने से मना कर दिया।

मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसी सिलावट ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि शव पर चींटियां चलने वाली घटना पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रोष जताया है।

उन्होंने कहा, लापरवाही का यह बहुत ही गंभीर मामला है। मैंने ही अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित किया जाए।

इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया, शिवपुरी में ज़िला अस्पताल में एक मरीज़ की मौत होने के बाद उसके शव पर चींटियां चलने और इस घटना पर बरती गई लापरवाही की घटना बेहद असंवेदनशीलता की परियाचक। उन्होंने आगे लिखा, ऐसी घटनाएं मानवता और इंसानियत को शर्मसार करती हैं, इन्हें बर्दाश्त क़तई नहीं किया जा सकता। घटना की जांच के आदेश, जांच में दोषी व लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश।

मालूम हो कि मरीज बालचंद्र लोधी को पेट की बीमारी के चलते रविवार को जिला अस्पताल के मेडिकल वार्ड में भर्ती कराया गया था, जहां मंगलवार को सुबह छह बजे उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद भी पांच घंटे मरीज का शव पलंग पर पड़ा रहा और उसके चेहरे पर चींटियां रेंगती रहीं। इस दौरान अस्पताल के इस वार्ड में नर्स, वार्ड ब्वॉय एवं ड्यूटी डॉक्टर आते-जाते रहे लेकिन शव की ओर किसी का ध्यान नहीं गया।

रामश्री लोधी ने बताया कि वह सोमवार रात को अपने छोटे-छोटे बच्चों की देखभाल के लिए घर चली गई थी। ‘जब मंगलवार सुबह 10 बजे किसी ने मेरे पति के निधन की जानकारी मुझे दी, तब मैं एक घंटे बाद अस्पताल पहुंची और रोते-रोते मृत पति की आंखों एवं चेहरे पर से चीटियां हटाईं।’

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