बेटियों की पढ़ाई के लिए ड्राइवर भी बनता है यह ट्रैफिक पुलिस कर्मी
बेटियों की पढ़ाई के लिए ड्राइवर भी बनता है यह ट्रैफिक पुलिस कर्मी
हैदराबाद। मां-बाप अपने बच्चों को बेहतर जीवन देने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। यह यूं ही नहीं कहा जाता, इसकी जीती-जागती मिसाल है हैदराबाद का यह ट्रैफिक होमगार्ड। इनका नाम जावीद खान है। जावीद जब ट्रैफिक नहीं संभाल रहे होते, उस वक्त वह ऑटो चला रहे होते हैं ताकि कुछ एक्स्ट्रा पैसे कमा सकें। इन पैसों को वह अपनी बेटियों की प़ढाई पर खर्च करते हैं ताकि उनकी बेटियों के सपने अधूरे न रह जाएं।जावीद खुद जो नहीं कर पाए, चाहते हैं कि उनकी बेटियां करें। वह चाहते हैं कि उनकी बेटियां प़ढ-लिखकर जिंदगी में कुछ बन जाएं। उनका अपना बचपन अभावों के बीच बीता है, इसलिए वह सपनों के टूटने का दर्द बखूबी जानते हैं। वह अपनी बेटियों को इस दर्द से दूर रखना चाहते हैं।हम उस समाज में रहते हैं जहां आज भी लोग बेटों की चाह में बेटियों को कोख में ही मार देते हैं। ऐसे में जावीद का अपनी बेटियों की प़ढाई के लिए जीतो़ड मेहनत करना एक मिसाल पेश करता है।जावीद कहते हैं कि बेटियों की फीस, किताबों पर बहुत खर्च होता है और वह नहीं चाहते कि उनकी प़ढाई में किसी तरह की कोई रुकावट आए। इसी कारण वह इतनी मेहनत करते हैं। जावीद की कहानी सुनकर हम तो यही कहेंगे कि हर बेटी को ऐसा बाप मिले।