'कोई न कोई रास्ता निकालता है श्याम'
श्याम मंदिर वार्षिकोत्सव पर जमकर बरसा 'श्याम रस'
सौरभ शर्मा और जयशंकर चौधरी ने बहुत सुंदर भजनों की प्रस्तुति दी
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। स्थानीय श्याम मंदिर ट्रस्ट के तत्वावधान में बनरघट्टा रोड स्थित खाटू श्याम मन्दिर के बारहवें वार्षिक उत्सव के मौके पर मंगलवार को निशान यात्रा निकाली गई। इसके साथ साथ, पूरा मंदिर अच्छे से सजाया गया था। सभागार की सजावट और गर्भगृह का श्रृंगार अभिभूत करने वाला था।
वार्षिकोत्सव के मौके पर खाटू के श्याम मंदिर के प्रतापसिंह चौहान और कर्नाटक पुलिस के एडीजीपी सीमांत सिंह ने उपस्थित होकर बाबा के दर्शन किए और मंदिर कमेटी द्वारा उनका सम्मान किया गया। निशान यात्रा के बाद मंदिर परिसर में भजन संध्या का आयोजन किया गया जिसमें स्थानीय गायकों सहित कोलकाता से आए भजन गायकों ने भजनों की प्रस्तुति दी।भजन गायकद्वय सौरभ शर्मा और जयशंकर चौधरी, दोनों ने बहुत सुंदर, मनभावन भजनों की प्रस्तुति दी। जयशंकर चौधरी की विशिष्ट कीर्तन शैली श्रोताओं को मदमस्त कर दिया। श्रोताओं से खचाखच भरे सभागार में शायद ही कोई बचा हो, जिसने कोई भी भजन उनके साथ न गाया हो।
प्रत्येक भजन की दो-दो पंक्तियाँ उन्होंने श्रोताओं को पहले कंठस्थ करवाईं और फिर अगली पंक्ति की ओर बढ़े। श्रद्धालुओं को अपने भजनों के साथ इस प्रकार जोड़ लेना कोई मामूली बात नहीं है। कोई बिरला अनुभवी व्यक्ति ही ऐसा कर सकता है।
बेंगलूरु के मंदिर में विराजमान बाबा श्याम की मूरत को हूबहू खाटू के श्याम मंदिर में विराजमान बाबा की मूर्ति से मिलता-जुलता बताते हुए जयशंकर चौधरी ने एक शानदार भजन सुनाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पंक्तियाँ कुछ इस प्रकार थीं- 'प्यारा सा यह मंदिर है, और प्यारा है श्याम। धीरे-धीरे लोग कहेंगे, इसे दूजा खाटू धाम...।'
ऐसे ही उनके अन्य सभी भजनों, जैसे 'नहीं किसी में इतना दम जो सुन ले हारे की, वरना क्या जरूरत थी हारे के सहारे की ...., जब कोई न संभाले, संभालता है श्याम, कोई ना कोई रास्ता निकालता है श्याम ...' ने भी सबका मन मोह लिया।
उनकी कीर्तन शैली प्रभावशाली थी और श्रोताओं को बांधकर रखने वाली थी। एक दो भजन दोनों गायकों ने साथ मिलकर भी गाए। गायक सौरभ शर्मा ने बाबा श्याम को रिझाते हुए 'मेरी बिगड़ी बनाने आ जा, बाबा मेरे दिल की प्यास बुझा जा....., भर दे रे श्याम झोली भर दे बाबा श्याम...... कीर्तन की है रात, बाबा आज थाने आणो है..., आयो आयो रे म्हारो सांवरियो सरकार नीले घोड़े पर चढ़ के ...' की प्रस्तुति से समा बांध कर श्रद्धालुओं को झूमने को मजबूर कर दिया।
श्रोताओं की अगली पंक्ति से लेकर पिछली पंक्ति तक बैठे हर श्रोता ने भरपूर आनंद उठाया। भजन गायक जयशंकर चौधरी व सौरभ शर्मा का भी सम्मान मंदिर कमेटी द्वारा किया गया।
इस मौके पर श्याम मंदिर के संस्थापक सदस्य महेश गुप्ता, रेवन्तमल झंवर, किशोरीलाल मोहता, प्रभात किशनपुरिया, देवीलाल गोयल, सुशील राणासरिया, ऋषि गुप्ता के साथ साथ श्याम गौशाला के अध्यक्ष सतीश गोयल, अग्रवाल समाज अध्यक्ष सुभाष बंसल, चन्द्रप्रकाश रामसिसरिया सहित बड़ी संख्या में पुरुष व महिला श्रद्धालु उपस्थित थे। बाबा श्याम की आरती के साथ महोत्सव कार्यक्रम का समापन संचालक प्रभात किशनपुरिया द्वारा दिए धन्यवाद प्रस्ताव से हुआ।