राफेल करार में एएचएल और कर्नाटक के साथ केन्द्र ने अन्याय किया : गुंडूराव

राफेल करार में एएचएल और कर्नाटक के साथ केन्द्र ने अन्याय किया : गुंडूराव

बेंगलूरु। राफेल ल़डाकू विमान समझौते को लेकर बुधवार को प्रदेश कांग्रेस ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राफेल करार से बेंगलूरु स्थित एचएएल को बाहर कर रिलायंस को समझौते में शामिल करके केन्द्र सरकार ने कर्नाटक के साथ अन्याय किया है। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने फ्रांसीसी विमान कंपनी डैसॉल्ट से १८ राफेल ल़डाकू विमान खरीदने का करार किया था जबकि १०८ एयरक्राफ्टों का विनिर्माण एचएएल में होना था। उन्होंने सवाल किया कि यूपीए के समझौते को मोदी सरकार के दौरान मनमाने ढंग से खत्म क्यों किया गया?उन्होंने कहा, पिछले समझौते में एचएएल के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को शामिल किया गया था। इससे बहुत सारी नौकरियां पैदा हो सकती थीं। हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण दोनों ने कर्नाटक के साथ अन्याय करते हुए उस समझौते को खत्म कर दिया। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले करार को रद्द कर ३६ राफेल की खरीद की घोषणा करते हुए अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस के पक्ष में केन्द्र सरकार ने अपना समर्थन दिया। उन्होंने सवाल किया कि रिलायंस को करार में शामिल करने का क्या मतलब यह है कि अनिल अंबानी की कंपनी की तुलना में एचएएल एक अक्षम कंपनी है जबकि रिलायंस डिफेंस को विमानन क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं है? द्मर्ड्डैंद्यत्र ड्डर्स्ैंयय्द्मष्ठ ·र्ैंर्‍ द्बप्रय्र्‍द्म ब्स्र ृद्मैंत्र ब्ष्ठख्ठ्ठणक्कष्ठगुंडूराव ने भाजपा के नए फायर ब्रांड नेता और केन्द्रीय मंत्री अंनत कुमार हेग़डे की आलोचना करते हुए हेग़डे को नफरत फैलाने वाली मशीन करार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व, जिसमें बीएस येड्डीयुरप्पा, प्रताप सिम्हा, शोभा करंदलाजे, सीटी रवि आदि शामिल हैं, और कुछ नहीं बल्कि इसी प्रकार के हैं। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि संविधान के जनक डॉ बीआर अंबेडकर को भाजपा ने कभी सम्मान नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस नहीं होती तो अम्बेडकर संविधान समिति के चेयरमैन ही नहीं होते। भाजपा और आरएसएस का सिद्धांत अम्बेडकर से नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि याद रखना चाहिए कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार चाहती थी कि नए सिरे से संविधान लिखा जाए और इसके लिए बाकायदा एक समिति भी गठित की गई थी। उन्होंने कहा कि भाजपा के बेंगलूरु स्थित पार्टी मुख्यालय के कचरापेटी में अम्बेडकर का चित्र मिला था, इससे समझा जा सकता है कि भाजपा अम्बेडकर का कितना सम्मान करती है।

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