जयललिता के जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री
जयललिता के जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री
सेलम। मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी रविवार को सेलम जिले के पलापट्टी में पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के ७० वें जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। अथूर से सेलम जाने के क्रम में जब मुख्यमंत्री नरसिंहपुरम पहुंचे तो वहां के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी के साथ उन्हें माला पहनाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान एक दंपती ने उन्हें अपनी बच्ची का नामकरण करने का अनुरोध किया और मुख्यमंत्री ने उस बच्ची का नाम जयंती रखा। अपने इस दौरे पर वह मेट्टूपाल्यम स्थित एक मंदिर पहुंचे और वहां पर पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के जन्मदिवस पर आयोजित अन्नदानम कार्यक्रम का शुभारंभ किया।मुख्यमंत्री ने पलापट्टी में लोगों को संबोधित करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामैया द्वारा की गई टिप्पणी की निंदा की। उन्होंने कहा कि हाल ही में सिद्दरामैया कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन नहीं करने की बात कही है। पलानीस्वामी ने कहा कोई भी हमसे हमारे हिस्से का पानी नहीं छीन सकता है। उन्होंने कहा कि यदि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार छह सप्ताह के अंदर कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन नहीं किया जाता है तो वह सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने के लिए बाध्य हो जाएंगे। ज्ञातव्य है कि गत शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय ने कर्नाटक सरकार को अपने बिलिगुंडलू बांध से तमिलनाडु को १७७.२५ टीएमसी फीट पानी छो़डने का निर्देश दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि कर्नाटक को हर वर्ष तमिलनाडु से १४.७५ टीएसी फीट अधिक पानी मिलेगा। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि पीने के पानी को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जानी चाहिए। अदालत ने कहा है कि उसके द्वारा दिया गया यह आदेश अगले १५ वर्षों तक प्रभावी रहेगा। अदालत ने केन्द्र सरकार को छह सप्ताह के अंदर कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन करने और सभी पार्टियों को नियमित रुप से पानी छो़डने का आदेश जारी किया था। सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि कावेरी जल विवाद में यह इसका अंतिम आदेश है और आगे इस मामले में सुनवाई नहीं की जाएगी। हाल ही में सिद्दरामैया ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत किया था और उन्होंने कहा था कि वह केन्द्र सरकार द्वारा कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन करने का विरोध करंेगे। इसके साथ ही उन्होंने इस बात से भी इंकार किया कि न्यायालय ने बोर्ड के गठन के लिए समय सीमा निर्धारित की है। पलानीस्वामी ने कहा कि यद्यपि वह इस बात से निराश हैं कि कावेरी जल पंचाट द्वारा दिए गए अंतिम आदेश के अनुसार राज्य को आवंटित किए गए जल की मात्रा में १४.७५ टीएमसी फीट पानी कम कर दिया गया है लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि कावेरी पर कर्नाटक का स्वामित्व नहीं है और यह एक स्वागत योग्य बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कावेरी जल विवाद निपटारा पंचाट के अनुसार कर्नाटक द्वारा हर वर्ष तमिलनाडु को १९२ टीएमसी फीट दिया जाना था लेकिन कभी भी तमिलनाडु को १०० टीएमसी फीट पानी से अधिक पानी नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि एक बार कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन होने के बाद तमिलनाडु को इसके हिस्से का पानी न्यायिक आदेश के अनुसार मिलने लगेगा। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के साथ कई मंत्री और सेलम जिले के पार्टी पदाधिकारी तथा विधायक भी मौजूद थे।