बेंगलूरु/दक्षिण भारतदेश के दबे कुचले वर्ग की महिलाओं के लिए स्वास्थ्य,स्वच्छता और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार ने मंगलवार को ’’स्वच्छता, स्वास्थ्य और सुविधा’’ नामक ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल सैनिट्री नैपकिन’’ लांच किया। इस उत्पाद को केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री एच अनंत कुमार ने लांच किया। कुमार ने इस उत्पाद को लांच करने के अवसर पर कहा कि यह सैनिट्री नैपकिन केवल २.५० रुपए प्रति पैड की कीमत पर उपलब्ध होगा जोकि बाजार में उपलब्ध अन्य ब्रांडेड सैनिटरी पैड की कीमत से एक चौथाई कम कीमत है। केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि यह उत्पाद सामाजिक और आर्थिक रुप से वंचित महिलाओं के लिए अच्छा स्वास्थ्य सुनिश्चित करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। उन्होंने कहा कि एक अध्ययन के अनुसार देश की ५२ प्रतिशत महिलाओं तक ऐसे स्वास्थ्य संबंधी उत्पाद नहीं पहुंच पाते। उन्होंने कहा कि सुविधा सैनिटरी नैपकिन ब्रांडेड उत्पादों से इतर देश में पहला बायोडिग्रेडेबल(उपयोग करने के बाद आसानी से प्राकृतिक तौर पर स़ड गल जाने वाला) नैपकिन है। इस प्रकार के उत्पादों की बाजार में कम से कम ८ रुपए प्रति पैड कीमत होती है और उपयोग के बाद इनके नष्ट होने में कम से कम ५०० वर्ष लग जाते हैं जबकि सुविधा नैपकिन मिट्टी के संपर्क में आने के तीन से छह महीने के भीतर पूरी तरह से स़डगल कर नष्ट हो जाता है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर उठाया गया एक उल्लेखनीय कदम है क्योंकि भारत से एक वर्ष में १२.३ बिलियन डिस्पोजेबल सैनिटरी नैपकिन निकलते हैं जो कि १.१३ लाख टन होता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष ८ मार्च को विश्व महिला दिवस पर मेरे द्वारा किए गए वादे को प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत एक वास्तविकता में बदल दिया गया है। ज्ञातव्य है कि अनंत कुमार केन्द्रीय रसायन मंत्री हैं जिसके तहत फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सकीय उपकरण भी आते हैं। उन्होंने कहा कि नए नैपकिन में एक विशेषता है जिसके कारण ऑक्सीजन के संपर्क में आने पर यह आसानी से स़ड गल जाता है। यह देश में महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा क्योंकि अभी भी महिलाएं मासिक धर्म के दौरान पैसों के अभाव में अस्वच्छ उत्पादों का प्रयोग करती हैं। उन्होंने बताया कि यह उत्पाद देश के सभी ३३ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित ३६०० से अधिक पीएमबीजेपी केंद्रों में उपलब्ध होगा। ये केंद्र खुले बाजार में उपलब्ध दवा की तुलना में २५ प्रतिशत या उससे कम कीमत पर समाज के गरीब वर्ग के लोगों को जेनेरिक दवाएं भी उपलब्ध करवाते हैं।